सैकड़ों किसानों ने किया चक्काजाम आंदोलन, धान खरीदी की मर्यादा बढ़ाने की मांग

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    कोरची. रबी सत्र का धान खरीदी करते समय धान खरीदी की मर्यादा बढ़ाकर 17 क्विंटल धान खरीदने समेत अन्य मांगों को लेकर कोरची तहसील के किसानों ने कोरची तहसील किसान परिषद के नेतृत्व में कोरची तहसील के झनकारगोंदी फाटे पर 1 जून बुधवार को चक्काजाम आंदोलन किया. वहीं मांगे हल होने तक चक्काजाम आंदोलन कायम रखने का निर्णय लिया गया. किसानों के चक्काजाम आंदोलन के चलते मुख्य मार्ग की यातायात प्रभावित हो गयी थी.

    आंदोलन में नंदकिशोर वैरागड़े, सुरेश काटेंगे, रामसुराम काटेंगे, अशोक गावतुरे, केशव लेनगुरे, आसाराम शेंड़े, सियाराम हलामी, रंजीत बागडेहरिया, भावराम मानकर, मेहरसिंग काटेंगे, सुनिल सयाम, रूपेश गंगबोईर, आशिष अग्रवाल, रूपराम देवांगन, धनिराम हिलामी, सुखराम राऊत, महादेव बन्सोड़, रामाधिन ताराम, तुलसीदास मड़ावी, शंकर जनबंधु आदि समेत सैकड़ों की संख्या में तहसील के किसान उपस्थित थे.

    इन मांगों का है समावेश 

    कृषि विभाग द्वारा गलत जानकारी के देने के कारण प्रति एकड़ उत्पादन कम दिखाया गया है.जिससे रबी सत्र के धान खरीदी प्रति एकड़ 9.50 क्विंटल निश्चित किया गया. गड़चिरोली जिले से सटे गोंदिया जिले में प्रति एकड़ 17 क्विंटल खरीदी किया जा रहा है. जिससे गड़चिरोली जिले में प्रति एकड़ 17 क्किंटल धान खरीदी करने, तहसील के बेतकाठी व बेलगांव में धान की खरीदी की जानेवाली है. इन केंद्रों की खरीदी मर्यादा 3036 क्विंटल है. यह मर्यादा बढ़ाकर 8 हजार क्विंटल प्रति केंद्र करने, धान खरीदी का बोनस अब तक नहीं मिला है, बोनस की राशि तत्काल किसानों के खाते में जमा करने, महात्मा ज्योतिबा फुले कर्ज मुक्ति योजना व छत्रपति शिवाजी महाराज प्रोत्साहन योजना तत्काल चलाने, पिछले तीन वर्षो का बिजली बिल माफ करने समेत अन्य मांगों का समावेश है. 

    एसडीएम के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त 

    किसानों द्वारा झनकारगोंदी फाटे पर चक्काजाम आंदोलन करने की जानकारी मिलते ही कुरखेड़ा के उपविभागीय अधिकारी  दर्शन निकालजे, तहसीलदार छगनलाल भंडारी, कृषि अधिकारी कटरे, बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता मुरकुटे आदि आंदोलनस्थल पर पहुंचकर आंदोलनकर्ताओं किसानों से उनकी मांगों को लेकर चर्चा की. चर्चा करने के बाद कोई हल नहीं निकलने से उपविभागीय अधिकारी ने जिलाधिश मीणा से संपर्क कर किसानों की मांगों की ओर उनका ध्यानाकर्षण कराया. जिलाधिश ने चार दिनों के भितर मांगे हल करने का आश्वासन देने के बाद किसानों ने अपना अनशन समाप्त किया.