भामरागड़. गड़चिरोली जिले में सबसे पिछड़ी, आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित तहसील के रूप में पहचाने जानेवाली भामरागड़ तहसील में जिला निर्माण के 37 वर्ष बाद भी पुरी तरहक बैंकींग सुविधा नहीं पहुंच पायी है. केवल तहसील मुख्यालय स्थित दो बैंक की शाखाओं के भरोसे तहसील के 104 गांवों के नागरिकों को बैंंकींग व्यवहार करना पड़ रहा है.
जिससे इस तहसील में बैंकींग सुविधा पहुंचाने की मांग तहसील के नागरिकों द्वारा द्वारा की जा रही है. बता दे कि, भामरागड़ तहसील को तत्कालीन राज्यपालन ने गोद लिया था. बावजूद इसके यह तहसील आज भी विकास से कोसो दूर है. जिससे इस तहसील में बैंकींग सुविधा बढ़ाने के साथ ही तहसील का विकास करने की मांग भामरागड़ तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है.
तहसील के नागरिक हो रहे त्रस्त
इस तहसील में अब तक आवश्यकता नुसार बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पायी है. विशेषत: तहसील के 104 गांवों के लोगों को वित्तीय व्यवहार करने के लिये तहसील मुख्यालय में बैंक ऑफ महाराष्ट्र नामक राष्ट्रियकृत बेैंक समेत जिला बैंक की शाखा है. वहीं तहसील के ताडग़ांव और लाहेरी के महाराष्ट्र बैंक की मिनि शाखाएं है.
वहीं इसी बैंक की मन्नेराजाराम में स्थित मिनी शाखा बंद अवस्था में है. इसके अलावा तहसील में किसी भी गांव में बैंक की शाखाएं नहीं है. तहसील मुख्यालय में ही बेैंक शाखाएं होने के कारण तहसील के अन्य गांवों को वित्तीय व्यवहार करने के लिये तहसील मुख्यालय मेंं आना पड़ता है. अनेक बार विभिन्न कारणों के चलते बैंकींग व्यवहार नहीं हो पाने के कारण ग्राहकों को त्रस्त होना पड़ रहा है.
यातायात सुविधाओं का भी अभाव
इस तहसील में यातायात सुविधा तथा संचार सुविधा न के बराबर होने के कारण दुर्गम परिसर के ग्राहक पहले दिन भामरागड़ में आकर तड़के से ही बैंक के सामने कतार लगानी पड़ती है. जिससे ग्राहकों को रात के समय बसस्थानक तथा अन्य जगह पर रात बितानी पड़ती है. ताडगांव यह तहसील का सबसे बड़ा गांव होने से यहां पर बैंक शाखा शुरू होने पर नागरिकों की परेशानी कम होगी.
मात्र इस ओर बेध्यानी किये जाने से तहसील में केवल दो ही बैंक शुरू है. जिससे भामरागड़ तहसील के नागरिकों कीे परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए तहसील के बडे गांवों में बैंक शाखा शुरू करने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है.