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    गड़चिरोली. साल पहला त्यौहार होनेवाले मकर संक्राति पर आज गड़चिरोली शहर समेत जिलेभर में उत्साह का वातावरण दिखाई दिया. सुबह से बच्चों के साथ ही युवावर्ग में खासा पतंगबाजी का क्रेज दिखाई दिया. छोटे बच्चों का समुचा दिन पतंग उडाने में ही व्यस्त दिखाई. जिस कारण आसमान रंगबिरंगी पतंगो से भरा नजर आया. इस दौरान ऐ कटी, वो कटी का ही शोर गल्ली मुहल्ले में सुनाई दे रहा था.  

    समुचे महाराष्ट्र के साथ ही जिले में मकर संक्राति का पर्व महिलाओं के काफी उत्साहभरा होता है. जिस कारण इस पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उमंग का वातावरण रहता है. जिससे मकर संक्रांति पर्व की तैयारियों में महिला वर्ग विगत कुछ दिनों से दिखाई दे रहे थे. जिसके तहत आज रविवार 15 जनवरी को जिलेभर में मकर संक्राति का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. मकर संक्रांति का पर्व सुर्यदेवता को समर्पित है.

    भगवान सुर्य के मकर राशी में प्रवेश करते ही उत्तरायण शुरू होत है. जिस कारण हिंदू संस्कृति में इस दिन की विशेष मान्यता है. जिसके चलते जिले में इस दिन नदीस्थलों पर पवित्र स्थान कर भगवान शिव तथा सुर्यदेवता की पुजा करने की परंपरा है. जिसके चलते आज रविवार को जिले के विभिन्न नदीस्थलों पर स्नान हेतु लोगों की भीड दिखाई दी. इस दौरान श्रद्धालुओं ने नदी में आस्था की डूबकी लगाकर नदी किनारे वालू से निर्मित शिवलिंग की पुजाअर्चना की.

    इस दौरान बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोग नदी पर स्नान व अल्पोहार करते दिखाई दिए. इस दौरान स्नान के पश्चात एक दुसरे को तिलगुड बाटे गए. इसी के साथ मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर विभिन्न मंदिरों में भी श्रद्धालुओं तांता लगा रहा. घर घर में महिलाओं द्वारा अपने करीबी रिश्तेदार व मित्रगणों को आमंत्रित कर फलाहार तथा वाण वितरण आयोजन किए गए. जिससे मकर संक्राति पर्व के मद्देनजर उत्साह का वातावरण छाया रहा. 

    बाजार हुआ गुलजार

    मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर विगत कुछ दिनों से गड़चिरोली शहर का बाजार ग्राहकों की भीड से गुलजार दिखाई दिया. आज मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर बाजारों में ग्राहकों की व्यापक भीड दिखाई दी. शहर में अनेक दूकानदारों ने वाण सामग्री बिक्री की दूकाने सजाई है. जिस कारण इन दूकानों पर महिलाओं की काफी भीड नजर आयी.

    इसके साथ ही उपहार गृह, किराणा दूकान, कपडों की दूकानों में भी खासी रौनक दिखाई दे रही थी. बतां दे कि, बिते 2 वर्ष कोरोना महामारी के कारण मकर संक्रांति का पर्व भी सादगी से मनाया गया. किंतु इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व पर कोरोना की बंदीशे नहीं होने के कारण उत्साह का वातावरण दिखाई दे रहा था. बाजारों में ग्राहकों के चहल-पहले से व्यापारियेां के चेहरे भी खिले नजर आए.