‘सूचना’ के भरोसे जलकुंभ की ‘सुरक्षा’, हादसे के बावजूद नहीं जागा प्रशासन

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    •  पानी टंकी परिसर में दिनरात लोगों का विचरण 

    गड़चिरोली. सजिवसृष्टि के जीवन में पानी का काफी महत्व होता है. इसके बगैर जीवनचक्र चलना मुश्किल है. इसी कारण जल ही जीवन है. ऐसी बात विभिन्न कहावते, सुविचार तथा बिद्रवाक्यों में कहीं जाती है. पानी का मानव जिवन में काफी महत्व है. इसी कारण स्थानिय निकायों में जलापूर्ति का स्वतंत्र विभाग बनाया गया है. इस विभाग द्वारा नागरिकों को शुद्ध जलापूर्ति हो इसका ध्यान रखा जाता है. इसके बदले में स्थानीय निकाय नागरिकों से पानीपट्टी के रूप में टैक्स भी लेता है.

    इसी राशी पर इस विभाग का प्रबंधन किया जाता है. किंतू जलापूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विषय की सुरक्षा का मुद्दा भी अहम होता है. किंतू गड़चिरोली शहर में बिते अनेक वर्षो में जलापूर्ति के पानीटंकी की सुरक्षा रामभरोसे ही दिखाई दे रही है. गड़चिरोली शहर में कुछ दिन पूर्व ही एक मनरोगी व्यक्ति ने जलकुंभ में कुदकर आत्महत्या की थी. उसका शव जलापूर्ति के पाईपलाईन में फंसा मिला था. जिसके चलते शहर के अनेक लोगों केा दूषित पानी पिना पड़ा. साथ ही अनेक नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

    इस हादसे के बावजूद प्रशासन ने शहर के जलकुंभ की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस उपाय योजना नहीं की है. केवल जलकुंभ परिसर में प्रतिबंधित क्षेत्र होने तथा इस परिसर में न आने की सूचना लिखकर इसी सूचना फलक के भरोसे ही जलकुंभ की सुरक्षा छोड़ रही है. जिस कारण जलकुंभ परिसर में इस सूचना फलक को दरकिनार करते हुए अनेक नागरिकों का विचरण इस जलकुंभ परिसर में हो रहा है. किंतू इस ओर स्थानीय विभाग का ध्यान नहीं है. अनेक बार सामाजिक कार्यकर्ता, माध्यमों द्वारा जलकुंभ की सुरक्षा की ओर प्रशासन का ध्यान खिंचा गया था. किंतू अबतक प्रशासन जलकुंभ की सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. 

    सुरक्षा रक्षक का अभाव 

    गड़चिरोली शहर में मुख्य इंदिरा गांधी चौक, चामोर्शी मार्ग, हनुमान वार्ड, कॉम्पलेक्स, इंदिरा नगर, गोकुलनगर आदि कुछ जगहों पर जलापूर्ति हेतु जलकुंभ निर्माण किए गए है. शहर से सटकर बनेवाली वैनगंगा नदी से जलशुद्धीकरण केंद्र तथा वहां से जलकुंभ में जलसंग्रहण किया जाता है. जलकुंभ से शहरवासियों के घरों तक जलापूर्ति होती है. जिस कारण जलकुंभ की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. शहर में स्थानिय निकाय के तहत जलापूर्ति के लिए स्वतंत्र विभाग बनाया गया है.

    जिसके चलते जलापूर्ति कर्मीयों द्वारा नितदिन जलापूर्ति की जाती है. किंतू इन जलकुंभ की सुरक्षा हेतु कहीं भी सुरक्षा रक्षक नजर नहीं आता है. कुछ जगह सुरक्षा दिवार निर्माण की गई है, तो कहीं यह जलकुंभ खुले परिसर में स्थित है. जहां सुरक्षा दिवार निर्माण की गई है, वहां के गेट हमेशा खुले रहे है. जिस कारण जलकुंभ परिसर में अनेक नागरिकों का मुक्त विचरण जारी है. जलकुंभ परिसर में प्रतिबंधित क्षेत्र का सूचना फलक लगाया गया है. इसका उल्लंघन करने पर फौजदारी कार्रवाई की भी सूचना दी गई. किंतू इस सूचना फलक पर दिए गए निर्देशों का कोई पालन करता नजर नहीं आता है. 

    विरूगिरी के लिए नहीं रोकटोक

    गड़चिरोली शहर के जलकुंभ पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखाई देने के चलते जलकुंभ परिसर में अनेक लोगों का मुक्त विचरण रहता है. शहर के इंदिरा गांधी चौक में स्थित जलकुंभ भी सुरक्षा रामभरोसे ही है. शहर के इंदिरा गांधी चौक में अनेक आंदोलन होते है. ऐसे में अनेक जगह आंदोलन की ओर ध्यान खिंचने के लिए विरूगिरी भी दिखाई जाती है. ऐसे में सुरक्षा के अभाव में विरूगिरी के आंदोलन के लिए शहर की टंकिया खुला मैदान साबित हो सकती है. इससे पूर्व भी कुछ विरूगिरी के आंदोलन शहर में हो चुके है. इंदिरा गांधी चौक के पानी टंकी पर चढ़कर कुछ आंदोलनकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. किंतू इसके बावजूद संबंधित विभाग अबतक नहीं जागा है. 

    वरिष्ठ स्तर पर भिजवाया गया प्रस्ताव

    नगर परिषद के मुख्याधिकारी विशाल वाघ ने बताया की, शहर के पानी टंकीओं की सुरक्षा के लिए टिन का शेड़, संरक्षण दीवार और सीसीटीवी कैमेरा लगाने का प्रस्ताव वरिष्ठ स्तर पर भिजवाया गया है. लेकिन इस प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं मिली है. किंतू पानी टंकी की सुरक्षा के लिए कर्मचारी तैनात किए गए है, ऐसी बात उन्होंने की.