अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित भामरागढ तहसील के युवाओं ने नक्सल प्रलोभन में न पडकर अपनी शिक्षा पूरी की।
भामरागढ़. अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित भामरागढ तहसील के युवाओं ने नक्सल प्रलोभन में न पडकर अपनी शिक्षा पूरी की। किंतु उन्हे रोजगार न मिलने पर परिवार के उदर निर्वाह की समस्या आ गई। इस बीच कोरोना संक्रमण फैलने से अनेक उद्योग धंधे ठप पड गये और सुशिक्षित बेरोजगारों को अपने गांव लौटना पडा। किंतु भामरागढ पुलिस की सहायता से 38 युवाओं को एम्स सिक्युरिटी गार्ड सर्विस प्रा. लिमिटेड हैदराबाद में सुरक्षा गार्ड की नौकरी मिल गई है।
नक्सल विरोधी अभियान पेट्रोलिंग के ग्राम भेंट के दौरान पुलिस को ज्ञात हुआ कि कुछ युवा बेरोजगार होकर अपने गांव लौट आये है। इन्हे रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल, अहेरी के अपर पुलिस अधीक्षक मनिष कलवानिया, एसडीपीओ डा. कुणाल सोनवणे के मार्गदर्शन में थानेदार संदीप भांड ने अनेक जिले तथा राज्य के औद्योगिक इकाईयों से संपर्क किया। इस बीच उन्हे ज्ञात हुआ कि हैदराबाद के एम्स सिक्युरिटी गार्ड लिमिटेड में सुरक्षा गार्ड की आवश्यकता है। उन्होंने भामरागढ तहसील के धोडराज, लाहेरी, ताडगांव, नारगुंडा, कोठी पुलिस मदद केंद्र के प्रभारी अधिकारी तथा भारती इंष्टाम, मनिष येमुलवार, आनंद मिस्त्री को सूचना देकर तहसील के युवाओं को रोजगार के संबंध में जानकारी दी।
सूचना मिलते ही तहसील के सुशिक्षित बेरोजागरों ने पुलिस स्टेशन में आकर अपना पंजीयन कराया। पंजीयन कराने वाले 38 में पहली बार में 21 और दूसरी बार में 17 युवाओं को पुलिस ने उचित मार्गदर्शन के साथ एम्स सिक्युरिटी गार्ड सर्विस प्रा.लि. हैदराबाद कंपनी में नौकरी के लिए भेजा है।
बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने में थानेदार संदीप भांड, एएसआई गजानन पडतकर, पीएसआई मंगेश कराडे, किरण उघडे, एएसआई परजने, दुधाल, धेडराज, वाघ, बोदगिरे, पिंगले, संदीप गव्हारे, शरद गुरनुले आदि ने सहयोग किया है।