बारिश में सैकड़ों गांवों के लोग छत्तीसगढ़ के भरोसे;  नदी, नालों में पुलिया के अभाव से छग में करते है व्यवहार

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    गड़चिरोली. भले ही सरकार मेक इन इंडिय़ा का नारा देकर देश के पिछड़े हिस्सों का विकास करने की बात कह रही है. मात्र दुसरी ओर महाराष्ट्र राज्य के आखरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले के आखरी और दुर्गम क्षेत्र में नागरिकों तक मेक इन इंडिया की पहल अब तक नहीं पहुंच पायी है. अब तक दुर्गम क्षेत्र में नदी, नालों पर पुलिया नहीं बनने के कारण बारिश के दिनों में दुर्गम क्षेत्र के लोगों का तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. 

    जिसका नतिजा बारिश के दिनों में जिले की एटापल्ली, धानोरा, कोरची, भामरागड़ और सिरोंचा तहसील के सीमावर्ती इलाकों के लिये इन दिनों छग के व्यवहार कर रहे है. वर्तमान स्थिति में जारी बारिश के चलते अनेक गांवो का तहसील मुख्यालय व जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा हुआ है. जिसके कारण संबंधित तहसीलों के सैकड़ों गांवों लोग इन दिनों छग से ही व्यवहार करने की बात कही जा रही है. 

    नदी, नालों पर पुलिया नहीं होने से लोग त्रस्त     

    आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाने जानेवाले गड़चिरोली जिले के अनेक तहसीलों में अब तक नदी, नालों पर पुलिया नहीं बन पाए है. जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य से सटे गांवों के लोग तहसील मुख्यालय न जाते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के गांवों में जाना पसंद कर रहे है. बताया जा रहा है कि, संबंधित तहसीलों के दुर्गम क्षेत्र के गांवों के लोगों के लिये छत्तीसगढ़ राज्य तहसील मुख्यालय से काफी करीब है. ऐसे में वहां पर नदी, नालों पर पुलिया होने के कारण बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है. जिसके कारण लोग छग राज्य से ही विभीन्न सामग्री खरीदकर इन दिनों जीवनयापन कर रहे है. 

    एटापल्ली के 50 फिसदी गांव छग के भरोसे

    एटापल्ली तहसील के जारांवड़ी ग्रापं अंतर्गत आनेवाले 4, मानेवारा ग्रापं अंतर्ग 4, जवेली खु. ग्रापं के 10, सोहगांव ग्रापं के 10 वांगेतुरी ग्रापं के 20, मेंढरी ग्रापं के 5 और घोटसुर ग्रापं के 4 ऐसे कुल 57 गांव एटापल्ली तहसील की सीमा पर बसे है. वहीं इनमें अधिकत्तर गांव बांडिया नदी के उस पर बसे है. नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण इन गांवों के नागरिक  विभिन्न कार्यो के लिये तहसील मुख्यालय में आने के बजाय छत्तीसगढ़ राज्य में जाकर सामग्री खरीदना और विभिन्न करते दिखाई दे रहे है. जिससे इस तहसील के करीब 50 फिसदी गांव छग के भरोसे होने की बात कही जा रही है. 

    केवल सरकारी कार्य के लिये पुहंचे है तहसील

    जिले की धानोरा, सिरोंचा, एटापल्ली, और भामरागड़ तहसील के लोग जीवनाश्यक सामग्री छत्तीसगढ़ राज्य से खरीदते है. लेकिन स्वास्थ्य सेवा व सरकारी कामकाजों के लिये तहसील मुख्यालय में आते है. इन दिनों निरंतर बारिश के चलते नदी, नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. ऐसे में दुर्गम क्षेत्र के लोग अपनी जान मुश्किल में डालने के  बजाय छत्तीसगढ़ राज्य में जाकर स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले रहे है. वहीं अन्य जीवनाश्यक सामग्री भी खरीद रहे है.