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    •  रात 3 बजे तक 200 गांवों की बत्ती रही गुल 

    सिरोंचा. आलापल्ली-सिरोंचा राष्ट्रीय महामार्ग के जिमलगट्टा परिसर के 66 केवी बिजली वाहिनी में शनिवार को दोपहर 3.30 बजे के दौरान बिघाड़ निर्माण होने से सिरोंचात हसील के करीब 200 गांव अंधरे में डूब गए थे. करीब 12 घंटे के लंबे इंतजार के बाज आज तड़के 3 बजे बिजली आपूर्ति सुचारू हुई. किंतू तहसील के नागरिकों को तड़के तक बिजली का इंतजार करना पड़ा. 

    आलापल्ली-सिरोंचा राष्ट्रीय महामार्ग 353 सी अंतर्गत सिरोंचा तहसील में 66 केवी बिजली वाहिनी गई है. किंतू शनिवार को दोपहर के दौरान इस मार्ग के जिमलगट्टा परिसर के बिजली वाहिनी में अचानक बिघाड निर्माण होने से उमानूर से लेकर आगे सभी गांवों की दोपहर 3 बजे से बत्ती गुल हुई थी. अहेरी तहसील के कुछ गांवों के साथ सिरोंचा तहसील के 200 गांवों को इसका फटका लगा.

    अंतत: इसकी शिकायत सिधे जिलाधिकारी तक पहुचने पर जिलाधिकारी ने आलापल्ली के बिजली अभियंता को तत्काल बिजली आपूर्ति सुचारू करने की सूचना की. करीब 12 घंटे की प्रतिक्षा के बाद अंतत: तड़के 3 बजे बिजली आपूर्ति सुचारू किए जाने से 200 गांवों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. किंतू 12 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं होने से 200 गांवों के नागरिकों को रात में अंधरे में रहना पड़ा. 

    50 वर्ष पुरानी बिजली लाईन 

    सिरोंचा तहसील केा बिजली आपूर्ति करनेवाले 66 केवी बिजली वाहिनी में शनिवार को दोपहर के दौरान जिमलगट्टा समिप बिघाड निर्माण हुआ था. जिससे अहेरी तहसील के कुछ गांवों के साथ सिरोंचा तहसील के 200 गांवों की बिजली आपूर्ति करीब 12 घंटे खंडीत हुई थी. खासकर यह बिजली लाईन 50 वर्ष पुरानी है. जिससे इसमें निरंतर बिघाड निर्माण होते है. उक्त बिजली लाईन घने जंगलों से गई है. जिससे बिघाड खोजन के लिए कभी कभी तो 2 से 3 दिनों तक का समय लगता है. जिससे इस क्षेत्र के नागरिकों को 2 से 3 दिन अंधरे में निकालना पड़ता है. विगत अनेक दिनों से यह प्रकार जारी है. टॉवर लाईन निर्माण करने की मांग नागरिकों ने की है.