Representational Pic
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    गोंदिया. गोंदिया जिला धान उत्पादक होने से धान की पैदावार बंपर हो रही है. रबी अर्थात ग्रीष्मकालीन धान की पैदावार 29 लाख 95 हजार 284 क्विंटल होने का अनुमान जिला कृषि अधीक्षक कृषि अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किया गया है. लेकिन शासन ने खरीदी के आदेश मात्र 4 लाख 90 हजार क्विंटल धान खरीदने के आदेश दिए है. इस निर्देश से किसानों में तीव्र नाराजगी है. इस निर्णय को लेकर गोंदिया जिले में राजनितिक टिप्पणियां शुरू हो चुकी है. किसानों पर अब राजनिती शुरू हो चुकी है.

    कोई जनप्रतिनिधि केंद्र सरकार को निशाना बना रहा है तो कोई जनप्रतिनिधि राज्य सरकार को दोष दे रहा है. गोंदिय धान उत्पादक जिला होने से यहां के किसान धान की फसल पर अधिक जोर देते हैं. खरीफ फसल लगभग 2 लाख हेक्टर में लगाई जाती है. इस वर्ष रबी अर्थात  ग्रीष्मकालीन धान की फसल का उत्पादन 68 हजार 715 हेक्टर पर किया जा रहा है. मौसम के साथ दिए जाने से ग्रीष्मकालीन धान की फसल का उत्पादन चौगुना हो चुका है.

    जिला कृषि अधीक्षक कृषि अधिकारी विभाग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई कि प्रति हेक्टर लगभग 43 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है. इस प्रकार कुल जिले की धान की पैदावार 29 लाख 95 हजार 284 क्विंटल होने का अनुमान लगाया गया है. धान का उत्पादन अधिक होने से किसानों में खुशी देखी गई. लेकिन शासन के निर्णय से उनकी खुशियां नाराजी में बदल गई. शासन का आदेश पहुंचा कि गोंदिया जिले को 4 लाख 95 हजार क्विंटल धान खरीदी की सीमा निश्चित की गई है. इस निर्णय से किसानों में नाराजी देखी जा रही है.

    निर्णय न बदलने पर व्यापारियों को होगा लाभ

    शासन ने इस निर्णय में बदलाव नहीं किया तो किसानों को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचेगा और व्यापारियों को इस निर्णय का बड़ा लाभ होगा. क्योंकि शासन के निर्णय के अनुसार 29 लाख क्विंटल धान की पैदावार में से मात्र 4 लाख 95 हजार क्विंटल धान की खरीदी ही करना है. बचा शेष धान किसान कहां बेचेंगे, किसानों के सामने एकमात्र विकल्प होगा कि शेष बचा हुआ धान अल्प दर में व्यापारियों को ही बेचे.