Common passengers and small villages upset due to closure of passenger train
file photo

    Loading

    गोंदिया. कोरोना  की रोकथाम के लिए प्रतिबंधात्मक उपायों के साथ साथ टीका लगाना भी जरूरी हैं. रेल विभाग ने उन्हीं लोगों को यात्रा का आरक्षित टिकट जारी किया है, जिन्होंने दोनों टीके लगवाए हैं लेकिन जब आरक्षित डिब्बों में सवार यात्री यात्रा करते है उस वक्त उनसे कोई पूछताछ नहीं होती कि उन्होंने दोनों टीके लगाए हैं या नहीं, उनसे टीका लगाने संबंधी कोई प्रमाण पत्र भी नहीं मांगा जाता.

    गोंदिया रेलवे स्टेशन से मुंबई या हावड़ा की ओर जाने वाली ट्रेनों में यात्रा करने वालों से इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं ली जाती है कि उन्होंने दोनों टीके लगवाए हैं या नहीं. गोंदिया रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने वाले और न ही बाहर निकलने वालों से किसी तरह की जानकारी ली जाती है. यात्रा पूरी करने के बाद अपने स्टेशन पर उतरने वाले किसी भी यात्री से यह नहीं पूछा जाता कि आपने दोनों टीके लगाए हैं या नहीं.

    नहीं मांगा जाता टीकाकरण प्रमाणपत्र

    टीसी यात्रियों से टिकट तो मांगते हैं, लेकिन यात्रियों से टीका लगाने का सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाता, वर्तमान स्थिति में कोरोना मरीजों की रफ्तार बड़ी तेज है, इसलिए कोरोना के त्रिसूत्रीय नियमों को अपनाने पर एक बार फिर जोर दिया जा रहा है. स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया है, लेकिन रेलगाडी से सफर करने वालों से यह यह नहीं पूछा जा रहा कि उन्होंने कोरोना के दोनों टीके लगवाए हैं कि नहीं.

    वर्तमान में गोंदिया रेलवे स्टेशन से गोंदिया-मुंबई विदर्भ एक्सप्रेस, गोंदिया- कोल्हापुर महाराष्ट्र एक्सप्रेस, हावड़ा-मुंबई गीतांजलि एक्सप्रेस, हावडा- मुंबई मेल, अजमेर-पुरी एक्सप्रेस तथा हावड़ा अहमदाबाद एक्सप्रेस का परिचालन होता है. यहां रेलवे स्टेशन से वर्तमान में अनेक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इन ट्रेनों से हर दिन हजारों यात्री आना-जाना कर रहे हैं.

    सख्ती बरतने की जरूरत

    कोरोना के मरीजों की संख्या में जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में वृद्धि हो रही  है, उसे ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन को कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सख्ती बरतने की जरूरत है. कोरोना महामारी को गंभीरता से समझने वाले लोगों का कहना है कि रेल गाड़ी पर सवार होने वाले तथा अपना सफर पूरा करके अपने स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों से यह प्रमाण पत्र मांगा जाए कि उन्होंने दोनों टीके लगाए हैं या नहीं.

    जो प्रमाण दिखाएं उन्हें बाहर छोड़ा जाए और जिन्होंने दोनों टीके लगाने का प्रमाण पत्र नहीं है, उन्हें तुरंत क्वारंटीन कर लिया जाए. यात्रियों से यात्रा के दौरान बार-बार अपील की जा रही है कि वे  मास्क लगाएं, बार-बार हाथ धोयें तथा परस्पर   दूरी बनाए रखें. फिर भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है.