- सुबह से ही जरूरतमंदों की कतारें
काटीनगर (गोंदिया). एकमात्र राष्ट्रीय कृत बैंक होने से बैंक आफ महाराष्ट्र में ग्राहकों की सतत भीड़ रहती है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार की ओर से बार-बार लोगों को कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आहवान किया जा रहा है, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है. बैंक के सामने ग्राहकों की भारी भीड़ सुबह से ही लग जाती है.
जनधन योजना, श्रवणबाल योजना, बीड़ी पेंशन, संजय गांधी योजना, निराधार योजना का अनुदान, किसानों के धान के पैसे आदि अनेक लाभार्थियों के खाते में पैसे आना शुरू हैं. अनेक जरूरतमंद अपने खाते से पैसे निकालने के लिए बैंक के सामने कतार लगाते हैं. भीड़ में अधिकांश ग्राहक 50-60 वर्ष आयु के महिला, पुरुषों का समावेश होता है. सोशल डिस्टेंसिंग ना होने के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
घंटों खड़े रहने को मजबूर
बैंक प्रशासन की ओर से बैंक के सामने किसी तरह का कोई पंडाल नहीं लगाया जाता है, जिसके कारण अब जबकि गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है ऐसे में ग्राहकों को भरी गर्मी में घंटों बाहर इंतजार करना पड़ता है. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं को धूप का सामना करना पड़ेगा. इसमें इम्युनिटी पावर कमजोर वाले लोगों को खतरा बढ़ेगा. एकमात्र राष्ट्रीकृत बैंक होने से इसका अलग महत्व है. यहां प्रशासन ने प्राथमिकता से ग्राहकों की सुविधा की व्यवस्था करना चाहिए. ग्राहकों को बैठने, पानी, छांव की मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए.