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    गोंदिया. इस बार पहली की किताब विद्यार्थियों की कृती और विचारों को प्राथमिकता दी गई है. आगामी शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थी कृतीशील निर्मित करने पर जोर दिया गया है. इसके लिए कक्षा 1लीं में मराठी, गणित, अंग्रेजी इस तरह तीनों विषयों की एक ही किताब है. जिससे पुरानी शिक्षा पद्धती से बाहर निकलकर विद्यार्थियों को खेले, करें, पढ़े इस कृतीशील उपक्रम से विचार प्रवण शिक्षण मिलेगा.

    विदर्भ में शालेय शिक्षण का श्रीगणेश 27 जून से होगा. इस वर्ष पहली बार 1लीं की नई किताब विद्यार्थियों को दी जाएगी. विद्यार्थियों के लिए एकात्मिक व द्विभाषिक नाम से मराठी के तीन विषय के एकत्रिकरण वाली चार भागों की किताब तैयार की गई है. तीन महीने एक किताब इस तरह वर्ष भर 4 किताबे विद्यार्थी उपयोग कर सकेगे.

    जिससे तीन महीने एक ही कापी और एक ही किताब लेकर विद्यार्थी कक्षा में उपस्थित रहेंगे. जिससे अपने आप स्कूल बेग का बोझ कम होगा. एकात्मिक दृष्टिकोण के आधार पर आधारित एकात्मिक पाठ्य किताब की निर्मिती व क्रियान्वयन करने वाला महाराष्ट्र यह देश का पहला राज्य है.

    आर्ट इंटिग्रेटेड व स्पोर्ट इंटिग्रेटेड दृष्टि का विचार भी किताब में है. बालकों में 8 वर्ष की आयु तक एक ही समय अनेक भाषा सिखने की क्षमता होती है. इसका विचार कर पाठ्य किताब में जरूरत अनुसार द्विभाषिक दृष्टिकोण स्वीकारा गया है.किताब के विषयों का आशय मे और मेरा परिवार, पानी, प्राणी, यातायात व हमारे सहयोगी इस विशेष विषय के सूत्र में पिरोए गए है. जिससे विद्यार्थियों को आजु बाजु के परिसर से पाठ्य किताब के आशय स्पष्ट होगे.

    विद्यार्थियों के अनुभव पर आधारित उदाहरणों सहित आशय स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है. विद्यार्थियों के जीवन से और भाव विश्वास से जुड़े अनुभवों को आशय का साथ देकर और चित्र, रंग का उपयोग कर पाठ्य किताब को आकर्षक किया गया है. विद्यार्थियों की कृती और विचार को प्राथमिकता दी गई है. इसमे हर एक आशय यह अध्ययन निष्पत्ती से जोड़ा गया है. कृती, खेल, ड्राईंग पहेली, कहानी और गाने का उपयोग कर अध्ययन, अध्यापन आंनददायी होने के लिए प्रयास इस पाठ्य किताब में किया गया है. जिससे 1लीं के विद्यार्थियों को कृतीशील होने में मदद होगी.

    किताब में पहली बार इमोजी का उपयोग

    पाठ्य किताब में पहली बार अनेक प्रतीकों की इमोजी का उपयोग किया गया है. जिससे प्रतीकों को देखकर ही विद्यार्थियों को कौनसी कृती करें इसका बोध होता है. विचारक चाव्या और 6 थिकिंग हॅट्स का उपयोग किया गया है. इसके माध्यम से विद्यार्थियों के विचारों और कल्पना को गति मिलेगी. जिससे कक्षा 1लीं से ही विद्यार्थियों में चिकित्सक विचार, विश्लेषणात्मक विचार, तार्किक विचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण आदि विकसित करने में मदद मिलेगी.

    गानों से सीखों संख्या

    गणित विषय वैसे किचकट भरा है. लेकिन 1लीं की पाठ्य किताब में गाने के माध्यम से विद्यार्थियों को संख्या पढ़ाने का प्रयास किया गया है. इसके साथ ही क्या करें क्या न करें यह चित्रों के माध्यम से विद्यार्थी पढ़ेगे. इसी तरह पहचान वाली वस्तु से आंकड़े पहचानेगे. इससे विद्यार्थी कृतीशील होने के साथ ही अध्ययन में प्रगती करेंगे. इस संबंध में शिक्षक के.डी.बिसेन ने बताया कि एक ही पाठ्य किताब से विद्यार्थियों के स्कूल बेग का बोझ कम होगा. जिससे एक ही कापी और एक ही किताब शाला में ले जा सकेगे. किताब में कृती पर जोर देने से विद्यार्थियों को मदद होगी.