Online education system failed in Tehsil

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गोंदिया. राज्य शासन ने निजी व्यवस्थापन की शालाओं को किसी भी प्रकार के शुल्क वसूल करने पर प्रतिबंध लगाया है. लेकिन इस निर्णय का खुलेआम मखौल उड़ाने की जानकारी सामने आई है. ऑनलाइन शिक्षण देने के नाम पर शालाओं से शुल्क वसूली की सख्ती की जा रही है. इस संबंध में पालकों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की है. राज्य शासन ने कोरोना का संकट होने से निजी व्यवस्थापन की शालाओं को कोई भी शुल्क नहीं बढ़ाने के आदेश दिए है. इस आदेश का पालन नहीं करने वाली शालाओं केे खिलाफ आपत्ती व्यवस्थापन कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. ऐसा संकेत प्राथमिक शिक्षणाधिकारी राजकुमार हिवारे ने मुख्याध्यापकों को भेजे पत्र में कहा है.

इतना ही नही सभी शालाओं के मुख्याध्यापकों को शिक्षण विभाग के माध्यम से दिए गए आदेश का उल्लंघन करने पर तत्काल कार्रवाई करने की बात कही गई है. ऑनलाईन शिक्षण देने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क निर्धारित न करे. इसी तरह शुल्क वसूली के लिए पालकों के साथ सख्ती न करे. शुरु शैक्षणिक सत्र में आरटीई 20 प्रश.अंतर्गत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से शुल्क न ले. ऐसा आदेश शिक्षण विभाग ने सभी शालाओं को दिया है. इसके बावजूद व्यवस्थापन की शालाओं ने शुल्क वसूली का सिलसिला शुरु कर दिया है.

इसी तरह पुस्तके, कॉपी, गणवेश, बेग आदि सामग्री शाला की पसंद वाली विशेष दूकानों से खरीदी करने के लिए पालकों को बाध्य किया जा रहा है. इसके अलावा पालकों की बिना अनुमति शहर की कुछ शालाओं ने ऑनलाइन अध्ययन की शुरुआत की है. इसमें डेढ़ घंटे ऑनलाइन अध्यापन कार्य किया जा रहा है. वहीं अनेक बार नेटवर्क की समस्या निर्मित होने की शिकायत पालकों ने की है.

इस संबंध में शिक्षणाधिकारी हिवारे ने बताया कि व्यवस्थापन की शालाओं में कार्यरत शिक्षकों से नियमित काम करा लिया जा रहा है लेकिन उनके वेतन देने में टालमटौल किया जा रहा है ऐसी भी शिकायते शिक्षा विभाग को मिली है. इन सब विषयों पर नियंत्रण रखने के लिए प्राथमिक शिक्षणाधिकारी ने उपशिक्षणाधिकारी पारधी पर जिम्मेदारी सौपी है.