बरबसपुरा में कचरा प्रबंधन को लेकर जन जागरण

    Loading

    गोंदिया. कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान गोंदिया द्वारा कचरा प्रबंधन पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन पिकल मेकिंग टेक्नीशियन प्रशिक्षण केंद्र बरबसपुरा में ग्रापं सदस्य हिरालाल एन. बिसेन की अध्यक्षता में जे.एस.एस. संचालक विनायक डोंगरवार के हस्ते उद‍्घाटित हुआ. प्रशिक्षिका वर्षा मानकर, प्रिती गायधने, मेघा ठाकरे आदि उपस्थित थे.

    प्रस्तावना में डोंगरवार ने बताया कि कचरा निस्तारण, रिसाइक्लिंग, कचरे से उर्जा उत्पादन इन सभी को कचरा प्रबंधन माना जाता है. रिसाइक्लिंग से कई उपभोक्ता वस्तुएं बाजार में दोबारा उपलब्ध हो जाती है जो कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन मे कमी ला रही है. वर्षा मानकर ने कहा कि कागज, गिला कचरा, सुखा कचरा, पेड के सुखे व गिले पत्तों से अपने घर में ऑरगनिक खाद व दवा बनाकर पेड पौधों की उत्पादन क्षमता को बढाया जा सकता है.

    कई प्रकार के प्लास्टिक, स्टील, कांच की रिसाइक्लिंग की जा सकती है. धातुओं की रिसाइक्लिंग करने से मांग के अनुरुप कहीं भी उपलब्ध हो जाती है और खनन में कमी आती है. मेघा ठाकरे ने कहा कि कचरा निस्तारण में घरों से निकले ऑरगनिक कचरों को एकत्र करते समस इस बात की सावधानी बरती जाती है कि निस्तारित करने योग्य गिला कचरा जैसे की खाद्य, अपरिष्ठ रिसाइकिल करने योग्य सुखे कचरे को अलग जगह पर एकत्र किया जाए.

    हीरालाल बिसेन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की जनता को स्वच्छ, स्वास्थ्यपूर्ण, सुविधायुक्त, अच्छे पर्यावरण में जीने का अधिकार है तो हमें नैसर्गिक संपत्ती को बचाकर रखना होगा. शहरीकरण के नाम पर होने वाली नैसर्गिक संपत्ती के विनाश को रोकना होगा. ग्रामीण क्षेत्र में गिला कचरा व सुखे कचरे का निस्तारण करना होगा. अन्यथा इसके भयानक परिणाम हो सकते है. सफलतार्थ सुरेंद्र वाडेगांवकर, सुबोध लांजेवार, नंदीनी गणवीर ने प्रयास किया.