Atul Londhe and hemant rasane

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    पुणे: कसबा पेठ और चिंचवड उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा इसलिए बीजेपी (BJP) ने अब पुलिस, ईडी (ED), इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी शुरु कर दी है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय नेताओं के साथ राज्य के नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा गया है। इस तरह का गंभीर आरोप कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे (Atul Londhe) ने लगाया है। साथ ही कहा कि महाविकास आघाडी (Mahavikas Aghadi) ने जनता का काम करने वाले कार्यकर्ता को चुनावी आखाड़े में उतारा है। इसलिए बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रासने की हार निश्चित हैं। रासने जब स्थायी समिति के अध्यक्ष थे, उस वक्त विकास के लिए लाए गए 500 करोड़ रुपए का हिसाब दें।

    कसबा पेठ उपचुनाव के लिए महाविकास आघाडी के प्रत्याशी रवींद्र धंगेकर के प्रचार अभियान को लेकर कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में अतुल लोंढे बोल रहे थे। इस मौके पर विधायक संग्राम थोपटे, शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे मौजूद थे।

     आखिर फंड कहां गया

    लोंढे ने कहा कि रासने अपील कर रहे है कि बीजेपी प्रत्याशी को क्षेत्र के विकास के लिए जिताए। वह यह साबित कर रहे है कि हम अक्षम हैं। तीन साल स्थायी समिति के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 28 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। इससे हमारे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपए के काम लिए गए, लेकिन विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास होता नहीं दिख रहा है। आखिर यह फंड कहां गया, इसका हिसाब पुणे की जनता को रासने को देना चाहिए। लोंढे ने चुनौती देते हुए कहा कि मुंबई महापालिका की जांच करने वालों को पुणे महानगरपालिका के पिछले पांच वर्षों में तीसरे पक्ष, ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के माध्यम से जांच करानी चाहिए।

    महाविकास आघाडी के उम्मीदवार जीतेंगे: अतुल लोंढे

    महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोविड काल में भी नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा कर प्रदेश का विकास किया है। इसलिए विधान परिषद चुनाव में हमें सफलता मिली है। कसबा पेठ और चिंचवड उपचुनाव में भी यही जीत दोहराई जाएगी। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार जीतेंगे।