94 percent farmers have been allotted loss compensation due to excess rainfall
File Photo

    Loading

    यावल : यहां के नगरसेवक और युवा समाज सेवक डॉ. कुंदन फेगडे के प्रयासों से लम्पी बीमारी (Lumpy Disease) के कारण मारे गए पशुओं (Animals) के मालिकों (Owners) को नुकसान भरपाई देने की घोषणा की गई है। लम्पी बीमारी के कारण मृत पशुओं के बीमा का मामला पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) के पास विचाराधीन होने संबंधी राज्य सरकार (State Government) का पत्र प्राप्त हुआ है। डॉ.कुंदन फेगडे की मांग को स्वीकार करते हुए पशुपालन विभाग ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया है। 

    लम्पी के संबंध में महाराष्ट्र राज्य के राजस्व मंत्री ने पशुपालन विभाग के मंत्री से किसानों को मुआवजा दिलाने और लम्पी रोग से मरने वाले मवेशियों का बीमा कराने की मांग को लेकर डॉ. कुंदन फेगड़े ने राधाकृष्ण विखे पाटिल को पत्र लिखा था। सरकार से लगातार निवेदन करने से डॉ. फेगडे की मांग सफल हुई।  पशुपालन उपायुक्त को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि जिले के किसानों को आपदा राहत नीति के तहत सहायता राशि देने की घोषणा की गई है और बीमा के संदर्भ में पशुपालन विभाग के पास प्रस्ताव विचाराधीन है। 

    जिन किसानों के पशुधन को लम्पी रोग के कारण क्षति हुई है, उनके मालिकों को आर्थिक सहायता दिलाने और मवेशियों के लिए सरकारी बीमा योजना लागू करने के संबंध में डॉ. कुंदन फेगड़े की मांग सफल हो गई है। जलगांव जिले और महाराष्ट्र में पिछले नौ से दस महीनों से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के मवेशियों में लम्पी रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैल रहा था, इनमें कुछ मवेशी रोग के कारण मारे गए। लम्पी रोग के प्रसार से पशुपालक और किसानों भयंकर चिंता व्याप्त हो गई। कुंदन फेगड़े ने 8 सितंबर 2022 को राजस्व, पशुपालन, डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह मांग की गई कि लम्पी रोग के शिकार पशुपालकों को नुकसान भरपाई दी जाए। 

    जलगांव जिले में कुल 5,77,302 मवेशियों के लिए विभिन्न योजनाओं से 6,42,600 बकरी पॉक्स के टीके की आपूर्ति की गई है, जिनमें से 5,77,302 (100%) पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। पिछले दिनों मृत पशुओं के चरवाहों को राष्ट्रीय आपदा राहत नीति के अनुसार मुआवजा देने की कार्यवाही जिला स्तर पर प्रारंभ कर दी गई थी। विगत 31 अक्टूबर तक जलगांव जिले में 499 मृत पशुओं के संरक्षक को 125.26 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है और शेष पशुपालन विभाग के उपायुक्त देवेंद्र जाधव ने पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि पशुपालक को मुआवजा दिया जाए। लम्पी बीमारी के बारे में किसानों ने मांग की है कि नुकसान से बचने के लिए उनके मवेशियों के लिए एक सरकारी बीमा योजना लागू की जानी चाहिए।