जलगांव. जिला बैंक चुनावों (District Bank Election) के लिए जिला पालकमंत्री (District Guardian Minister) गुलाबराव पाटील (Gulabrao Patil) के सर्वदलीय गुट के प्रयासों को कांग्रेस के गुट से बाहर निकलने से जबरदस्त झटका लगा है। पाटिल ने महाआघाडी के साथ भाजपा को लेकर सर्वदलीय गुट बनाते हुए चुनाव निर्विरोध कराने का जमकर प्रयास किया था।
कांग्रेस के गुट से निकलने और अपने बल से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा ने भी वही नारा देते हुए चुनावी तैयारियां शुरू करने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिला बैंक चुनाव घोषित होने से पहिले ही जिला पालकमंत्री गुलाबराव पाटील (शिवसेना) ने बैंक चुनाव निर्विरोध संपन्न करने के लिए सर्वदलीय गुट बनाने का प्रयास शुरू कर दिया था। उल्लेखनीय है कि इस गुट में भाजपा को भी साथ लेने का उनका मन था। इस में राष्ट्रवादी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे और भाजपा के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के बीच का संघर्ष काटा बना हुआ था।
सीटों का बटवारा संयुक्त रूप में किया था
गुलाबराव ने दोनों नेताओं को एक मंच पर एक बैठक में साथ लाते हुए सर्वदलीय गुट के लिए दोनों की संमती प्राप्त करने में सफलता हासिल कर ली थी और उन्होंने महाआघाडी मित्र पक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस और शिवसेना के साथ ही 21 संचालको की बैंक में स्थानो (सीट)का बटवारा संयुक्त रूप में किया था। 21 संचालको में राष्ट्रवादी को 7, भाजपा को 7, जबकी, शिवसेना 5 और कांग्रेस को मात्र 2 स्थान दिए गए थे। कांग्रेस में इन मात्र दो स्थानों को लेकर नाराजगी प्रकट होने लगी थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पाटोले की ओर से इस संदर्भ में शिकायतें भी की गई थी।
21 संचालक हमारे होंगे
नवनियुक्त जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप पवार ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सर्वदलीय गुट से हटने का निर्णय लिया और बैंक चुनाव अपने बल लड़ने की ठान ली है। जिला कांग्रेस ने कहा है की, जब राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना और कांग्रेस महाआघाडी की सरकार है तो बैंक चुनाव भी इस आघाडी के नाम लड़ना चाहिए। भाजपा को साथ लेकर वे नहीं लड़ सकते। जानकारी के अनुसार कांग्रेस के सर्वदलीय गुट से बाहर हो जाने के बाद भाजपा ने भी गुट से हटने और चुनाव अपने बल पर लड़ने का निर्णय लिया है और तैयारियां भी शुरू कर दी है। दूसरी ओर जिले के कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता-कार्यकर्ताओं का मानना है की, हम दोनों ने साथ मिलकर बैंक चुनाव लड़ा तो पूर्ण सफलता मिलेगी। हमारे मित्र पक्ष और राज्य सरकार के सहयोगी शिवसेना को साथ लिया जाए या भाजपा के विरोध में हम साथ मिलकर चुनाव मैदान में डटे रहे तो सारे 21 संचालक हमारे होंगे।