रेलवे में क्यूआर कोड से होगी अनाधिकृत वेंडरों की पहचान, भुसावल सेक्शन में पहला प्रयोग

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    भुसावल : रेलवे स्टेशन (Railway Station) का जंक्शन स्टेशन होने से कई बार अवैध खाद्य विक्रेता (Illegal Food Vendor) घुसपैठ करते है जिससे यात्रियों (Passengers) को काफी परेशानी होती है और इस कारण से रेलवे का राजस्व डूब जाता है और व्यवस्था सिरदर्द बन जाती है। लाइसेंसी खाद्य विक्रेताओं को अब ऐसे विक्रेताओं पर नियंत्रण के लिए क्यूआर कोड (QR Code) वाले पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। यह प्रयोग सबसे पहले भुसावल में मध्य रेल (Central Rail) के सभी पांचों सेक्शन में लागू किया जाएगा। अचानक किए गए निरीक्षण में आई-कार्ड स्कैन होते ही कुछ ही सेकंड्स में विक्रेता का पता चल जाएगा कि विक्रेता अधिकृत है या अनधिकृत। 

    भुसावल मंडल के हाल के दिनों में विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अनधिकृत खाद्य विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्हें नियंत्रण में लाने के दौरान वाणिज्य विभाग और व्यवस्था काम आती है। इस प्रकार के व्यवहार को रोकने के लिए अक्सर कार्रवाई की जाती है। लेकिन, कुछ विक्रेता नकली आईडी कार्ड बनाकर ऐसा कार्य करते हैं जैसे कि वे रेलवे के अधिकृत विक्रेता हों। इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है। वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक डॉ. शिवराज मानसपुरे ने इस समस्या के समाधान के लिए जल्द ही रेल प्रशासन द्वारा सभी अधिकृत वेंडर्स को क्यूआर कोड वाला नया पहचान पत्र जारी करने की योजना बना रहा है और इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। 

    कोई फर्जी निकला तो कार्रवाई की जाएगी

    क्यूआर कोड वाला आईडी कार्ड गले में पहने विक्रेताओं को बाध्य किया जाएगा। रेलवे के अधिकारी करेंगे औचक निरीक्षण जैसे ही पहचान पत्र स्कैन होगा, विक्रेता की फोटो, नाम और नंबर दिखाई देगा। कोई फर्जी निकला तो कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी का पहचान पत्र किसी अन्य वेंडर द्वारा उपयोग किया जाता पाया जाता है, तो वेंडर का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। ऐसी कार्रवाई का सामना करने वाले विक्रेताओं को भविष्य में रेलवे स्टेशन पर खाद्य पदार्थ बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।