रावेर तहसील के इन बांधों में भरा जलाशय, किसानों में दौड़ी खुशी की लहर

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    रावेर : तहसील में हो रही जोरदार बारिश (Rain) के चालते रावेर तहसील के जलाशय (Reservoir) अब लबालब भरे है। भारी वर्षा के कारण तहसील में फसलों (Crops) को जीवनदान मिला है। तहसील इस वर्ष फसल का उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। 

    किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी

    रावेर यावल क्षेत्र की सुखी नदी पर बना गारबर्डी बांध झमाझम बारिश के कारण बांध पूरे उफान पर है, जिससे किसान खुश हैं। तालुका में सूखी बांध किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। इस बांध से रावेर यावल के दो तालुकों के किसानों को लाभ मिलता है। यह बांध क्षेत्र के किसानों के लिए पानी उपलब्ध कराने में संजीवनी साबित हुआ है। शहर और तहसिल के गांव में फिलहाल बारिश रुक रुक कर हो रही है। वहीं तहसील में खेतो की सिचाई को जलापूर्ति करने वाले बांध में अब लबालब पानी आ गया है। इस तरह पीने के पानी की समस्या तो हल हो ही गई है और किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा। 

    बांध में पानी ओवरफ्लो 

    इसी के साथ साथ अभोडा प्रकल्प शत प्रति शत भर गया है। वहीं मंगरूळ बांध भी ओवरफ्लो होकर पानी भोकड नदी मे बहेने लगा है। लैकिन गँगापुरी बांध भरने की जानकारी नहीं मिली इसी प्रकार सभी बांध ओवरफ्लो हो गए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ओवरफ्लो के कारण पानी का विसर्ग शुरू है। जानकारी जलप्रदाय विभाग के अधिकारियों ने दी है। 

    किसान नहीं है चिंतित 

    तहसील में विविध फसल की स्थती ठीक है। पिछले कुछ दिनों हुई बारिश के कारण जहां एक ओर खरीफ फसलों की स्थिति सुधरी है। वहीं रावेर तहसील में अनेक स्थानों पर विविध फसलों की स्थती ठीक बताई जारही है। अभी फसलों पर कोई रोग या बिमारी नहीं होने पर किसान चिंतीत दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस समय तहसील भर में किसानों द्वारा जहां जहां फसलों पर रोग प्रतिबंधकों का छिड़काव किया जा रहा हैं। 

    तालुका में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, हरित क्रांति के जनक विधायक शिरीष चौधरी के पिता पूर्व मंत्री स्वर्गीय बालासाहब मधुकरराव चौधरी के अथक प्रयासों से रावेर तालुका के निरुल पाड़ला से यावल तालुका में सतपुड़ा तलहटी तक 50 की.मी. दूरी के भीतर गंगापुरी, मंगरूल, अभोडा, मातरन, कुसुम्बा तलाव, चिंचटी, लोहारा, सुखी बांध, जानोरी तलाब, मोर बांध, कालाडोह, वद्री, हरिपुरा, निम्बादेवी जैसे 13 छोटे और बड़े बांध बांधे हैं। मधुकरराव चौधरी की दूरदर्शिता के कारण आज किसान प्राकृतिक जल संसाधनों का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। जिसके चलते रावेर तहसील केला फसल में अव्वल स्थान पर है।