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जलगांव: महिला बाल कल्याण समिति के तीन सदस्यों पर बालिका छात्रावास में यौन शोषण के मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद समिति बर्खास्त नहीं की गई है। जिले में तीन मंत्री होने के बावजूद जिले की बेटियों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। जिले में महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकार महिला उत्पीड़न रोकने में पूरी तरह से असफल हुई है। इस तरह का हमला सरकार पर राष्ट्रवादी महिला प्रदेश अध्यक्ष रोहणी खड़से ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया है। उन्होंने मांग की है कि बाल शोषण के मामले में अध्यक्ष सहित बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी इस्तीफा दें, अन्यथा विधानसभा में इसकी आवाज उठाई जाएगी।

गौरतलब है कि जलगांव जिले की एरंडोल तहसील स्थित खड़के ग्राम में लड़कियों का छात्रावास है। इस छात्रावास में केयरटेकर ने नाबालिक लड़कियों के साथ में दुष्कर्म कर उन्हें प्रताड़ित किया था। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कर तीन व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़ित लड़कियों ने बार-बार महिला बाल कल्याण समिति के समक्ष अत्याचार की शिकायत की थी। इसके बावजूद शिकायत को दरकिनार किया गया और न ही समिति को बर्खास्त किया गया न ही बच्चियों को इन्साफ मिला। इस पर नाराजगी का इजहार करते हुए महिला प्रदेश अध्यक्ष रोहिणी खड़से ने ज़िले के तीनों मंत्रियों को आड़े हाथों लिया है, उन्होंने आरोप लगाया है कि जो प्रदेश में भाजपा के संकट मोचन बनकर घूमते हैं, उनके ही जिले में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं है। उन्हें इंसाफ भी नहीं दिया जा रहा है। तीन मंत्री होने के बावजूद महिला बाल कल्याण समिति अभी तक बर्खास्त नहीं की गई है। जबकि इस समिति के व्यक्ति ही अत्याचार में शामिल हैं।

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ का ढोंग करती है बीजेपी 
भाजपा सरकार एक और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे लगती है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उदासीन बनी है। सरकार महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। इस तरह रोहणी खड़से ने तीनों मंत्रियों पर निशाना साधा। जलगांव जिले में लड़कियों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। चूंकि महाराष्ट्र सरकार इन घटनाओं को रोकने में विफल हो रही है, इसलिए लड़कियां और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। साथ ही चार महीने पहले बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्यों से शिकायत करने के बावजूद जिले में बाल शोषण के मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और आरोपियों का साथ दिया गया और घटना का दायरा बढ़ता गया। पॉक्सो के तहत मामला दर्ज होने के बाद भी कमेटी ने उन्हें बर्खास्त कर इस्तीफा क्यों नहीं लिया? उनका समर्थन कौन कर रहा है? यह सवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस महिला प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट रोहिणी खडसे ने उठाया है। 

26 जुलाई 2023 को खड़के चिल्ड्रन होम टॉर्चर मामले में एरंडोल पुलिस स्टेशन में दर्ज अपराध के सिलसिले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन लड़कियों के बयान भी दर्ज किए गए। जो खड़के बाल गृह में भर्ती थीं। लेकिन मामला दर्ज होने से पहले उन्हें उनके माता-पिता को सौंप दिया गया था। लड़कियों द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष देवयानी गोविंदवार, सदस्य विद्या बोरनारे, सदस्य संदीप पाटिल के साथ-साथ लड़की पर अत्याचार करने वाले आरोपियों पर भी आईपीसी की धारा 354, 376, 323, 504, 506, और POCSO के तहत मामला दर्ज किया गया है।