वरणगांव में बिना अनुमति काटे जा रहे पेड़, प्रशासन मौन

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    वरणगांव : पर्यावरण (Environment) की रक्षा के लिए वृक्षारोपण (Plantation) को लेकर प्रशासन की ओर से बैठकें होती हैं, योजनाएं बनती है। हालांकि शहर में बिना प्रशासन की अनुमति के पेड़ों (Trees) की कटाई (Cutting) बड़े पैमाने पर हो रही है। विशेष रूप से यह महसूस किया गया है कि प्रशासन ने आम लोगों के लिए पेड़ों की कटाई के नियमों से आंखें मूंद ली है। प्रशासन के अधिकारियों मूक भूमिका अपना कर लकड़ी तस्करों को पनाह देने का आरोप स्थानीय नागरिकों ने लगाया है। 

    तस्करों के खिलाफ कार्रवाई न करने से बड़ी उनकी हिम्मत 

    शहर के पुराने हाइवे एचडीएफसी बैंक के सामने  हाल ही में 80-90 साल पुराना नींबू का पेड़ तस्करों ने बिना किसी अनुमति के काट दिया। एक महीने पहले  भी दो पेड़ बिना अनुमति के काटे गए थे। इसी तरह चौफुली बस स्टॉप पर शुक्रवार को दो पेड़ काट दिए गए, प्रशासन ने पेड़ काटने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जिसके कारण 80 साल पुराना पेड़ काट दिया। वन विभाग और नगर पालिका ने गत तस्करों पर कार्रवाई नहीं करने से उनका साहस बड़ा है। जाँच में खुलासा हुआ की वरंगगांव अंचल पटवारी वनपाल नगर परिषद के किसी भी अधिकारी ने उक्त पेड़ को काटने का निर्देश नहीं दिया था।  

    पेड़ काटने वालों पर केस दर्ज करें

    बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर से पेड़ काट का ले जा रहे थे। इसी कटे पेड़ ट्रेक्टर से गिर गए और चारों ओर फैल गया। इस प्रकार, बिना अनुमति के पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना अपराध है और इस संबंध में एक गैर-प्रभार्य अपराध (एनसी) दर्ज किया गया था। हालांकि, अब इस संबंध में महाराष्ट्र संपत्ति नुकसान को रोकथाम अधिनियम, 1995 की धारा 2 (सी) और 3 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में प्रकृति प्रेमी मांग कर रहे हैं कि संबंधित विभाग इस मामले को गंभीरता से लें और अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों को मारने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करें।