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    पुणे: धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर चल रहे विवाद के बीच पुणे में पांच मस्जिदों की इंतेजामिया समिति और समुदाय के कुछ अन्य वरिष्ठ लोगों ने ईद के दौरान डीजे नहीं बजाने का और इसके लिए एकत्रित की गई राशि का इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों के बीच करने का निर्णय लिया है। इन लोगों ने समुदाय के युवाओं से दो मई को ईद के पर्व पर तेज आवाज में डीजे नहीं बजाने को कहा है। 

    महाराष्ट्र के यहां लोहिया नगर इलाके में भारतीय अंजुमन कादरिया मस्जिद के इमाम मौलाना मोहसिन रजा ने कहा कि तेज डीजे के दुष्परिणामों से सभी वाकिफ हैं, ये बीमार लोगों और कमजोर दिल वालों के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इसलिए हमने इलाके की पांच मस्जिदों की एक कोर समिति बनाई है और उनके इमामों तथा अन्य सदस्यों तथा समुदाय के अन्य वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक की है और ईद के दौरान डीजे नहीं बजाने का निर्णय लिया है।” 

    उन्होंने कहा कि डीजे के लिए जो धन एकत्र किया जाता है उसका इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए किया जाएगा। मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने को लेकर विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इलाके की सभी पांचों मस्जिदों में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश का पालन हो रहा है और अजान के वक्त आवाज हमेशा कम रखी जाती है। 

    इसी कोर समिति के सदस्य एवं उर्दू के शिक्षक यूनुस सलीम शेख कहते हैं कि इस प्रकार की समिति का गठन सामाजिक मसलों से निपटने की दिशा में अच्छा कदम है। स्थानीय निवासी और पूर्व पार्षद युसूफ शेख ने कहा कि ईद के जश्न के दौरान डीजे नहीं बजाने के फैसले को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और उन्हें उम्मीद है कि शहर के अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही किया जाएगा। (एजेंसी)