MNS नेता वसंत मोरे का शिंदे-फडणवीस सरकार पर गंभीर आरोप,कहा- वोट बैंक बचाने जल्दबाजी में उपचुनाव

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    पुणे: कसबा पेठ (Kasba Peth By-Elections) और चिंचवड विधानसभा उपचुनाव (Chinchwad By-Elections 2023) की जल्दबाजी में की गई घोषणा को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता वसंत मोरे (Vasant More) ने राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दो विधायकों के निधन के कुछ दिनों बाद ही दोनों सीटों पर उपचुनाव (By-Elections) की घोषणा कर दी गई। अपना वोट प्रतिशत कम न हो जाए, इसलिए वहां तुरंत चुनाव कराया जा रहा है। इस तरह का गंभीर आरोप वसंत मोरे ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर लगाया है। 

    कसबा से विधायक मुक्ता तिलक और चिंचवड से विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन के बाद चुनाव आयोग ने कसबा और चिंचवड विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की घोषणा की हैं। दोनों सीटों के विधायकों के निधन के तुरंत बाद चुनावों की घोषणा को लेकर कई राजनीतिक विशेषज्ञों के साथ लोगों ने नाराजगी जताई थी। 

    वसंत मोरे ने सोशल मीडिया पर दागा सवाल

    अब इस विषय पर मनसे नेता वसंत मोरे ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर सवाल खडा किए है। वसंत मोरे ने अपने पोस्ट में कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार से मेरा सवाल है। बीजेपी के दोनों विधायकों का हाल ही में निधन हुआ है और कुछ दिनों बाद ही अपना वोट कम न हों, इसलिए वहां तुरंत चुनाव की घोषणा की गई।

    विधानसभा उपचुनाव हो रहे तो महानगरपालिका के चुनाव क्यों नहीं?

    उन्होंने कहा कि कसबा और चिंचवड विधानसभा सीटों पर जल्द उपचुनाव की घोषणा कर दी गई, जबकि पिछले एक वर्ष से शहर महानगरपालिका का कोई जनप्रतिनिधि नहीं है। प्रशासन ने शहर की सूरत को बिगाड़ दी है। शहर में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। राशि नहीं मिलने से पूर्व नगरसेवक लोगों को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहे। मेरा सवाल है कि विधानसभा के उपचुनाव हो सकते है तो महानगरपालिका चुनाव क्यों नहीं।

    …तो अपनी हार पक्की समझिए

    पुणे शहर के विधायकों और सांसदों को हमारे जूतों में पैर डालकर देखना चाहिए। अगर किसी पार्टी को सहानुभूति मिलेगी, इसी डर से चुनाव को टाल रहे है, तो ध्यान रखिए आपकी हार पक्की है क्योंकि जो दिल से हारेगा वो लड़ाई में नहीं जीतेगा। यह कहते हुए वसंत मोरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

    राज ठाकरे के रुख पर सबकी नजरें 

    मनसे प्रमुख राज ठाकरे इन दोनों चुनावों को लेकर शनिवार को अपनी स्थिति स्पष्ट करने वाले हैं। हालांकि, इससे पहले ही मनसे नेता वसंत मोरे ने अलग रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार को महानगरपालिका चुनाव को लेकर चेताया है। इसे देखते हुए राज ठाकरे के रुख की ओर अब सबका ध्यान लगा है।