मुंबई. मुंबई में प्रति वर्ष मानसून आते ही वृक्षों का गिरना भी शुरु हो जाता है. पथरीली जमीन होने के कारण पेड़ों की जड़ें ज्यादा गहरी नहीं जा पाती इसलिए तेज हवा के झोंके से भी जड़ सहित पेड़ उखड़ कर जमीन पर आ जाते हैं. चार दिन की बरसात में मुंबई में 900 पेड़ धराशायी हो गए. जिस जगह पर पेड़ गिरे हैं उसी जगह पर एक संस्था पेड़ लगाने का कार्य कर रही है.
‘आंघोली ची गोली’ नामक संस्था के पदाधिकारी तुषार वारंग का कहना है कि जिस जगह पेड़ गिरते हैं उस जगह पेड़ के तने का अवशेष बचा रहता है. अवशेष के कारण वहां पेड़ नहीं लगाए जाते.
पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा
अब संस्था गिरे हुए पेड़ के स्थान पर पौध रोपण कर उसकी फोटो बीएमसी को भेज रही है. पेड़ की देखरेख और पानी डालने का कार्य भी संस्था के लोग ही कर रहे हैं. संस्था का कहना है कि मुंबई में हर साल बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से मुंबई में वृक्षों की संख्या कम होती जा रही है. विकास कार्य के लिए भी पेड़ों को काट दिया जाता है. इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है. 2 साल से यह संस्था कील मुक्त पेड़ अभियान चला रही थी. अब गिरे हुए पेड़ की जगह नया पेड़ लगाने का अभियान शुरु किया है.
तारीख वृक्ष गिरे
5 अगस्त 141
6 अगस्त 361
7 अगस्त 270
8 अगस्त 97