मुंबई: उद्धव ठाकरे गुट के युवा नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने आरोप लगाया है कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) बीएमसी (BMC) को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने मुंबई में सीमेंट-कंक्रीट सड़क के ठेके में घोटाला का खुलासा किया है। आदित्य ठाकरे के मुताबिक़, 6,080 करोड़ रुपए का यह टेंडर 400 किमी सड़कों के लिए जारी किया गया है, लेकिन इसमें ठेकेदारों को 48 प्रतिशत लाभ दिया गया है। युवा सेना प्रमुख ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि मुंबई में कार्य अवधि 1 अक्टूबर से 31 मई तक है, क्योंकि बाकी समय बारिश होती है। मानसून की तैयारियों को लेकर यह सब काम पहले पूरे हो जाते हैं। हालांकि, इस बारे में कोई अध्ययन नहीं किया गया है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह कार्य समय से पहले पूरे होंगे या नहीं।
बीएमसी में मनमानी
आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री को नहीं पता कि मुंबई में कैसे काम होता है। जब नगर निगम में कोई निकाय नहीं है और कोई न कोई महापौर है तो फिर प्रशासक ने इन कार्यों को कैसे मंजूरी दे दी है। यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि टेंडर का यह पैसा मुंबईकरों की जेब का है, लेकिन बिना किसी प्लानिंग के यह टेंडर जारी कर दिया गया। आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया कि जब मौजूदा मुख्यमंत्री पिछले सात साल से मंत्री थे तो उन्होंने ठाणे में सीमेंट की सड़कें क्यों नहीं बनवाईं।
400 km of works at once is impossible as it requires Traffic Police NOCs + NOC from 42 underground utilities.
Fair season (October to May) is half way through and we are in Feb.This is 3 years tenders + 6 years work in 1 time. What if tender costs less next year?
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) January 13, 2023
पिछले छह महीनों में तानाशाही
आदित्य ठाकरे ने कहा कि ऐसा लगता है कि पिछले छह महीने से राज्य में मुग़ल शासकों की तर्ज पर तानशाही चल रही है। गणपति जुलूस के दौरान, शिंदे गुट के विधायक सदा सरवणकर ने गोली चलाई, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्य में पुलिस की पिटाई और गाली-गलौज जैसी कई घटनाएं हुई हैं। इस पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है। पिछले छह महीनों में हम लगातार किसानों को मदद की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार सोई हुई है। यह सरकार महापुरुषों का अपमान करने वाले राज्यपाल को बचाने की कोशिश कर रही है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने नागपुर के शीत सत्र में एनआईटी जमीन घोटाले का भी मुद्दा उठाया, लेकिन इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।