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    मुंबई: राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के उपयोग पर प्रतिबंध (Ban) है। इसके बावजूद कागज के डिस्पोजल बर्तन के नाम पर प्लास्टिक कोटेड या प्लास्टिक लैमिनेटेड थाली,  गिलास, कप,  कंटेनर आदि  का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसे रोकने को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्लास्टिक कोटेड और प्लास्टिक लैमिनेटेड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है।

    महाराष्ट्र में प्लास्टिक प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार की तरफ से एक अधिकार प्राप्त समिति गठित की गयी थी। समिति की 7 जुलाई, 2022 को  बैठक हुई थी। जिसमें  महाराष्ट्र प्लास्टिक और थर्मोकोल उत्पाद अधिसूचना 2018 में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्लास्टिक कोटेड एवं प्लास्टिक लैमिनेटेड उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

    इन उत्पादों को किया गया प्रतिबंधित

    सरकार के निर्णय के तहत प्लास्टिक कोटिंग के साथ कागज या एल्यूमीनियम से बने डिस्पोजेबल बर्तन, कप, प्लेट, गिलास, चम्मच, कटोरे, कंटेनर जैसे एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक कोटेड उत्पाद प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य दैनिक कचरे में प्लास्टिक कचरे को कम करना है।

    केंद्र सरकार ने भी लगाया है बैन

    राज्य के शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हर रोज निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक की मात्रा भले ही कम है, लेकिन उस कचरे का अपघटन व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। प्लास्टिक कचरे को जलाशयों और डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है। यह भी देखा गया है कि प्लास्टिक कचरे का दोबारा उपयोग नहीं होने की स्थिति में रात के समय उसे जला दिया जाता है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है।