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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में आए दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। वहीं, कुछ दिनों पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) ने महाराष्ट्र के सांगली जिले के 40 गांवों पर दावा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अक्कलकोट और सोलापुर भी कर्नाटक का हिस्सा हैं। इससे महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद एक बार फिर शुरू हो गया। 

    इससे राज्य का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस बीच, कर्नाटक सरकार ने जत तालुका के 40 गांवों को पानी दिया और इन 40 गांवों ने कर्नाटक में विलय का फैसला किया। वहीं, अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने जत में हो रही पानी की समस्या का बड़ा समाधान निकाला है।

    महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद पिछले कई सालों से चला आ रहा है। लेकिन सांगली जिले के जत तालुका में पानी नहीं है, इसलिए कर्नाटक सरकार ने तालुका के सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए पानी छोड़ा है। जत तालुका के गांवों में पानी पहुंचाकर कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को चुनौती दी है। इन तमाम घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जत में हो रही पानी की समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाते हुए 2 हजार करोड़ का टेंडर जारी करने का ऐलान किया है।

    इस दौरान जत तालुका के कुछ लोग मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने पहुंचे थे। तालुका के लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने आश्वासन दिया कि अगले महीने यानी जनवरी में हम 2 हजार करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर देंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, जत के लोग आधी रात को आए थे। वह लोग जत तालुका का नक्शा लेकर आए थे, इस दौरान उन्होंने नक्शे पर कुछ बातें बताईं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम आपके लिए 2 हजार करोड़ का टेंडर निकाल रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, म्हैसल योजना का दायरा बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जत में 40-50 गांवों को पानी मिलना चाहिए। अगर अन्य लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने जा रहे हैं, तो उन्हें करने दें। उनके राजनीतिक आरोपों का जवाब नहीं देंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं केवल यह कह रहा हूं कि मैं काम से जवाब दूंगा।