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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) से बीजेपी ( BJP) के लिए अच्छी खबर नहीं है। नौ माह पहले एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) के साथ मिलकर राज्य की सत्ता में शामिल बीजेपी के एक तिहाई विधायकों (BJP MLAs) की हालत उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पतली नजर आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में बीजेपी के 33 विधायक डेंजर जोन में हैं। यह खुलासा पार्टी के एक आंतरिक सर्वे (BJP Internal Survey) से हुआ है। 

उल्लेखनीय है कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 105 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। आंतरिक सर्वेक्षण से पार्टी में हडकंप मचा हुआ है।

निर्वाचन क्षेत्र पर पकड़ ढीली

बीजेपी के एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार, पार्टी के कई विधायकों की पकड़ उनके क्षेत्र में ढीली पड़ गई है। राज्य में सत्ता आने के बाद जिस तरह के जनसंपर्क और काम होने चाहिए थे, वे नहीं हुए हैं। एक-तिहाई विधायकों में सीमावर्ती क्षेत्रों के 20 विधायक तो अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संपर्क में नहीं हैं और वे ज्यादातर मुंबई में रहते हैं, जबकि अन्य विधायक सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को लेकर काफी पीछे हैं। बीजेपी ने महाराष्ट्र में पार्टी के आंतरिक सर्वे में डेंजर जोन में दिखाए गए 33 विधायकों से 2024 के लोकसभा विधानसभा चुनाव से पहले अपनी कमर कसने को कहा है। डेंजर जोन में आने वाले विधायकों की पहचान कर उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए कहा गया है।

150 सीटों का लक्ष्य

उल्लेखनीय है कि बीजेपी राज्य में अपने दम पर 150 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। पार्टी को यह भी उम्मीद है कि राज्य  के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायक भी चुनकर आएंगे। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि आंतरिक सर्वे से पार्टी को जरुर झटका लगा है, लेकिन संभलने का वक्त भी है। पार्टी डेटाबेस भी तैयार कर रही है। महाविकास आघाड़ी बनने और सरकार बदलने के बाद धरातल पर काफी बदलाव आया है। एमवीए को हराने के लिए आम लोगों में मुद्दों के साथ पैठ बढ़ानी होगी।  

…तो कट सकता है टिकट

राज्य विधानसभा चुनाव के पहले अप्रैल 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में राज्य में युति की 2019 की जीत को दुहराना अब आसान नहीं है। विधानसभा चुनाव के पहले लोकसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे न आए तो भी संबंधित क्षेत्र के बीजेपी विधायक अपना टिकट भी गंवा सकते हैं। पार्टी ने केंद्र व राज्य की योजनाओं और परियोजनाओं को युद्धस्तर पर लागू करने के लिए कहा है। सभी 105 विधायकों के लिए एक कोर्स करेक्शन लिस्ट बनाई गई है। डेंजर जोन वाले क्षेत्रों की लगातार जानकारी के लिए औचक टीम भी बनी है।

बदले हैं गणित

एक अन्य बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जाति का गणित बदल गया है। वहां अलग तरीके से काम करने की जरूरत है। कास्ट बेस्ड के तहत स्थानीय और ग्रामीण स्तर के नेताओं जो बड़ी संख्या में वोटों को प्रभावित करते हैं, वे या तो तटस्थ हैं या विपक्ष के साथ हैं, उन्हें पार्टी में लाना होगा। अलग अलग कदम उठाकर संबंधित विधायकों की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में स्थिति को मजबूत करने की रणनीति पर भी काम करने के निर्देश दिए गए हैं।