उड़ता पंजाब के बाद अब ‘उड़ता महाराष्ट्र’, बंद कारखानों में बन रही थी ‘मौत’ की ‘दवा’

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तारिक खान @ नवभारत

मुंबई: किसानों का राज्य कहे जाने वाले महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब नशा (Drugs) नासूर बन चुका है। देश का सबसे महत्वपूर्ण राज्य महाराष्ट्र ‘उड़ता पंजाब’ के बाद अब यह ‘उड़ता महाराष्ट्र’ बनने की दिशा में जा रहा है। पंजाब के अंदर युवाओं में बढ़ रहे नशे की लत और तस्करी का मामला ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म में प्रमुखता से समाज के सामने पेश किया गया।

2018 से 2023 के दरम्यान सिर्फ मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotic Cell) ने राज्य के विभिन्न शहरों और जिलों में कार्रवाई करते हुए 850 प्राथमिकी दर्ज कर 1168 पैडलर्स को गिरफ्तार किया है। इन माफियाओं के पास से 2794 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स जब्त किया है, जिसकी कीमत 5294.83 करोड़ रूपए है।

एएनसी के अलावा राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और स्थानीय पुलिस ने भी ड्रग्स के खिलाफ सख्ती से कदम उठाया है और कई ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का पर्दाफाश किया है। 

दुसरे राज्य से महाराष्ट्र तस्करी
जांच एजेंसियों को संदेह है कि दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र में ड्रग्स की खेप लाई जा रही है। बता दें कि 4 मई 2023 में गुजरात के अरब सागर से 12,000 करोड़ रुपये कीमत की 2600 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी। जिसकी जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। सूत्रों की माने तो गुजरात और महाराष्ट्र सीमा की दूरी महज 236 किलोमीटर या 146.6 मील या 127.4 समुद्री मील है। यानी सिर्फ 4 घंटे लगते हैं और हालांकि समुंद्री रास्ते से उससे भी कम समय में एक दूसरे के राज्य में दाखिल हो सकते हैं। 

पुलिस भी सवालों के घेरे में
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो, कैफे, रेस्टोरेंट, सिनेमा घरों, ऑफिस, स्कूल, कालेज, पार्टी प्लेस, धार्मिक स्थलों, किराने और पान की दुकानों आदि में नशा बेचने का कारोबार चल रहा है। इसका इल्म स्थानीय पुलिस को भी होता है लेकिन जब तक प्रेशर नहीं पड़े पुलिस कार्रवाई की जहमत नहीं उठाती है। मुंबई में दाखिल होने के लिए समुद्री रास्ते के अलावा पांच टोल नाका मुलुंड, वाशी, दहिसर, एरोली और लाल बहादुर शास्त्री मार्ग के है। जहां गाड़ियों की तलाशी नहीं सिर्फ खाना पूर्ति होती है। 

क्या है मेफेड्रोन (एमडी)
सबसे महंगा पार्टी ड्रग्स मेफेड्रोन जो एक सफ़ेद पाउडर है, जिसको म्याऊं म्याऊं नाम से भी जाना जाता है। इसको सूंघकर, पानी में घोलकर, गुटखे में मिलाकर और इंजेक्शन द्वारा भी लिया जाता है। एमडी कोई दवा नहीं, बल्कि पौधों के लिए बनी सिंथेटिक खाद है, लेकिन इसका सेवन करने से हेरोइन और कोकीन से भी ज्यादा नशा होता है। 

ड्रग्स सूंघने वाले कुत्तों की भर्ती हो
पूर्व पुलिस उपायुक्त-एएनसी, किशोर जाधव का कहना है, नारकोटिक्स विभाग में एक भी डॉग स्कवायड नहीं है, जो सरकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टोल नाकों पर ड्रग्स सूंघ सके। मुखबिरों के लिए फंड होना चाहिए, नारकोटिक्स विभाग में महिला पुलिस कर्मचारियों की भर्ती हो, क्योंकि महिला पैडलर्स की संख्या भी अधिक है।