Devendra Fadnavis
देवेंद्र फडणवीस (Photo @Dev_Fadnavis)

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    मुंबई: राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के पहले ही उन्होंने शिवसेना (Shiv Sena) का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठजोड़ करना तय कर लिया था। चुनाव परिणाम के बाद तक वे सिर्फ ‘नंबर गेम’ का इंतजार कर रहे थे। 

    पनवेल में प्रदेश भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में समापन  भाषण देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि शिवसेना और एनसीपी के बीच गठजोड़ का फैसला पहले ही कर लिया गया था। इसकी वजह से चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बयान दिया था कि हमारे लिए सभी पर्याय खुले हैं। उसके बावजूद मैं उन्हें फोन कर रहा था, लेकिन वे हमारे फोन को रिसीव नहीं कर रहे थे। 

    शिवसेना ने हमारे साथ बेईमानी की 

    उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना ने हमारे साथ बेईमानी की है। शिवसेना-बीजेपी युति के तहत हमने शिवसेना के खिलाफ बागी उम्मीदवारों को वापस ले लिया, लेकिन हमारे उम्मीदवारों को हरा दिया गया। राज्य के लोगों ने युति को मतदान किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई। शिवसेना ने  शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों के खिलाफ भूमिका को अपनाया। इस तरह की भूमिका अख्तियार करने वाली शिवसेना के पास अब कुछ ही विधायक बचे हैं। उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हमारे साथ असली शिवसेना है जो बालासाहेब ठाकरे के विचारों में विश्वास करती है।

    बीजेपी सत्ता की भूखी नहीं: देवेंद्र फडणवीस

    उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सत्ता एक चुंबक की तरह होती है। यह लोगों को एकजुट रखती है, लेकिन 9 मंत्रियों के साथ 50 विधायक सरकार छोड़कर तत्कालीन विपक्ष में शामिल हो गए। उन्हें एहसास हुआ कि अगले चुनाव में हम कही दिखाई नहीं देंगे। यह ध्यान में आने के बाद असली शिवसेना के साथ सरकार बनी है। फडणवीस ने कहा कि जो जनमत की चोरी हुई थी, वह वापस आ गयी है। हमने सत्ता का गढ़ जीत लिया है, लेकिन सत्ता साध्य नहीं, साधन है। हम सत्ता को सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के एक साधन के रूप में देखतें  है। बीजेपी सत्ता की भूखी नहीं है, यह सत्ता के लिए किया गया बदलाव नहीं है। महाराष्ट्र विकास में पिछड़ गया था अब उसे पहले स्थान पर लाना है।