Chhagan Bhujbal,Maharashtra
छगन भुजबल

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  • समीर और अन्य के मामले पर 30 अक्टूबर को होगी सुनवाई
  • 13 अक्टूबर को पीएमएलए कोर्ट का फैसला आएगा 

 

मुंबई: महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) समेत उनके बेटे और भतीजे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दायर याचिका को बुधवार को हाई कोर्ट (High Court) में भुला दिया गया। कोर्ट ने हैरानी जताते हुए पूछा, ”क्या आप नहीं जानते कि आपकी याचिका क्या है ?” जबकि सदन घोटाला मामले में  पीएमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है कोर्ट 13 अक्टूबर को छगन भुजबल के बरी किये जाने के मामले पर अपना फैसला सुनाया।

2018 में ईडी ने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में भुजबल समेत उनके बेटे और भतीजे समीर और पंकज के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका पर एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है। बुधवार को जब मामला आर. एन. लाजधा की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो ईडी ने उन्हें सूचित करते हुए और समय देने का अनुरोध किया कि उन्हें भुजबल और उनके भतीजे समीर के खिलाफ दायर उनकी अपनी याचिका नहीं मिल रही है।

 
हालांकि, जब कोर्ट ने पूछा कि क्या ये कोई मामला है तो ईडी के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि उनके पास याचिका से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं। बस हमें बताएं कि मामला क्या है ? क्या आप खुद नहीं जानते कि मामला क्या है ? जिसके बाद ईडी की तरफ़ से लड्ढा उपस्थित हुए और उन्होंने याचिका पर सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख की मांग की. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

पीएमएलए कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा
वहीँ पीएमएलए कोर्ट ने दुसरे मामले में महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में भुजबल समेत उनके बेटे और भतीजे की ओर से दायर बरी करने की अर्जी पर सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली है। पीएमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। भुजबल सहित अन्य के आवेदन में मांग की है कि भुजबल के खिलाफ मूल मामला बंद कर दिया गया है। अब उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। इस पर संज्ञान लेते हुए विशेष पीएमएलए जज राहुल रोकड़े अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 13 अक्टूबर को इस मामले पर अपना फैसला सुनाएंगे।