First ropeway in mumbai

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नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
Ropeway in Mumbai: पिछले एक दशक में मुंबई (Mumbai) व उपनगरों में तेजी से बढ़ी ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए रोड, रेल, मेट्रो के साथ विभिन्न यातायात संसाधनों पर काम किया जा रहा है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मुंबई के आसमान पर रोपवे योजना (First Ropeway Project) को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एमएमआरडीए द्वारा डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। बोरीवली के पास गोराई और पगोडा (Gorai and Pagoda) के बीच लगभग 8 किमी के रोप वे प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाने का निर्णय लिया गया। 

8 किमी का पहला रोपवे
बताया गया कि मुंबई के पश्चिमी उपनगर बोरीवली के पास गोराई और पगोडा के बीच लगभग 8 किमी के रोप वे प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाने का निर्णय लिया गया। मुंबई के लोगों को खाड़ी पार गोराई और पगोडा तक पहुंचने के लिए फेरी वाली नाव का सहारा लेना पड़ता है। मुंबई से कटे इस इलाके को रोप वे के माध्यम से आसानी से जोड़ा जा सकेगा। 

 

मेट्रो 2 ए को रोपवे से जोड़ने की योजना
यहां चल रही मेट्रो लाइन 2 ए पर महावीर नगर मेट्रो स्टेशन के साथ एक रोप वे कनेक्टिविटी पर विचार किया गया है। महावीर नगर मेट्रो स्टेशन से पगोडा तक और पगोडा से गोराई तक 8 स्टेशनों वाले 7.8 किलोमीटर के रोपवे का प्रस्ताव है। इस बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट के तहत आम नागरिकों के साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करने की योजना है। इस इलाके में एस्सेल वर्ल्ड, बौद्ध केंद्र आदि स्थलों पर जाने के लिए प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट यात्रा के समय को डेढ़ घंटे से घटाकर 30 से 40 मिनट कर सकता है। 

देश भर में 1200 किमी रोपवे निर्माण की योजना
मुंबई सहित देश के प्रमुख शहरों में रोपवे बनाने की योजना केंद्र सरकार ने भी बनाई है। पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गड़करी ने इसकी जानकारी भी साझा की है। गडकरी के अनुसार नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम जो पर्वतमाला परियोजना का ही हिस्‍सा है, इसके तहत देशभर में 1200 किमी लंबे 200 रोपवे प्रोजेक्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है।  इसे 5 साल में तैयार कर लिया जाएगा। 

 
1.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान
इस प्रोजेक्ट पर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। रोपवे योजना सिर्फ पहाड़ी स्‍थलों पर पर्यटन बढ़ाने में काम नहीं आएगी, बल्कि शहरी क्षेत्रों के लिए भी यह ट्रांसपोर्ट का सुगम साधन बन सकता है। रोपवे के निर्माण से देश में टूरिज्‍म बढ़ाने के साथ नौकरियां पैदा करने और ट्रैफिक को आसान बनाने का मुख्य जरिया बन सकता है। पहाड़ी एरिया में रोपवे बनाने के साथ ही देश का पहला अर्बन रोपवे भी तैयार किया जा रहा है। यूपी के वाराणसी शहर में बन रहा रोपवे प्रोजेक्ट 4 किलोमीटर लंबा है। फिलहाल इस रास्ते को तय करने में 1 घंटा लगता है, जो घटकर 15 मिनट रह जाएगा। इसी तरह मुंबई सहित अन्य शहरों में भी रोपवे के माध्यम से यातायात का बड़ा विकल्प हो सकता है। 

आईपीआरसीएल ने तैयार की थी, रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) ने मुंबई प्रस्तावित रोप-वे कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की थी। उस रिपोर्ट में आईपीआरसीएल ने न्यूयॉर्क, कोलंबिया और तुर्की शहरों रोप-वे की उपयोगिता का हवाला देते हुए कहा था कि वहां यह सफलतापूर्वक चल रहा है और इसी तरह मुंबई में भी रोप वे सफल हो सकता है। इसके तहत मुंबई की पहली रोप वे योजना के लिए एमएमआरडीए की ओर से वर्ष 2020 में टेंडर भी जारी किया गया था, लेकिन उस समय कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बाद में परियोजना वित्तीय रूप से व्यवहार नहीं होने के कारण निविदा रद्द कर दी गई थी। 

पीपीपी के जरिए प्रस्ताव 
रोपवे के लिए राज्य सरकार से मिलकर केंद्र सरकार की निधि के साथ प्राइवेट कंपनियों की मदद ली जाएगी। योजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिये पूरा किया जाएगा। अब एमएमआरडीए ने एक बार फिर रोप वे योजना को गति दिए जाने निर्णय लिया है। इसकी लागत को व्यवहार्य और लाभदायक बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर लेने का प्रस्ताव है। पश्चिमी उपनगर में अब 35 किमी की मेट्रो लाइन 2 ए और 7 से रोजाना लाखों लोग यात्रा कर रहे हैं। अब मेट्रो से प्रस्तावित रोपवे योजना को जोड़कर लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुविधा का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है।