Modern Golden Nest

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    -अनिल चौहान

    भायंदर: मॉर्डन गोल्डन नेस्ट क्षेत्र में अरविंद पेंडसे संगीत उद्यान का गेट और लाइट्स अनियमित और लेट-लतीफ खोले जाने से लोग खासे परेशान हैं। अंधेरा रहने से गार्डन लफंगों का घर बन गया है। जिससे महिलाओं में असुरक्षा का डर बना रहता है। अनियमित और लेट-लतीफ उद्यान खोने जाने से बड़ों को मॉर्निंग वॉक, योगा, ओपन जीम और बच्चों को झूला झूलने का समय बहुत कम या किसी-किसी दिन एकदम भी नहीं मिल पाता है।इसकी वजह है सिक्युरिटी गार्ड का न होना।

    गार्डन में  जॉगिंग के लिए जाने वाले श्याम तिवारी बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से ऐसा ही चला आ रहा है। सुरक्षा गार्डस कभी लेट-लतीफ तो कभी आता ही नहीं हैं। आता है तो गेट खोल कर चला जाता है। गार्डन के नजदीक विल्डिंग जानकी हाइट्स इमारत के निवासी फूल कुमार झा बताते हैं कि होली के बाद से उद्यान का गेट और लाइट्स कभी असमय तो कभी खुलती ही नहीं हैं।

    अंधेरा होने पर लाइट जलाने वाला कोई नहीं

    शाम को वॉचमैन गेट खोलता है और चला जाता है। अंधेरा होने पर लाइट जलाने वाला कोई नहीं रहता है। अंधेरे में असामाजिक तत्व डेरा जमाते हैं। डर के मारे महिलाएं अंदर नहीं जाती हैं और जो अंदर रहती हैं,वह बाहर निकल जातीं हैं। उन्हें बताया गया है कि सिक्युरिटी का ठेका खत्म हो गया है। नया ठेका होने में बाद ही उद्यान समय से और नियमित रूप से खुल पाएगा।

    आर.एस. पांडेय बताते हैं कि सिक्युरिटी गार्ड फूल पौधों को पानी देने का काम भी करता है। पानी के बिना घासें सूख रहीं हैं। बता दें की सुबह और शाम दोनों वक्त 5 से 9 बजे तक गार्डन खोलने का समय तय है। सच्चाई जानने के लिए शनिवार और रविवार को शाम के वक्त हम खुद गार्डन पहुंचे। अंधेरा हुआ तो लाइट्स जलीं ही नहीं। वॉकिंग, जॉंगिंग, योगा, जिम करना और झूले झूलना बीच में छोड़ महिला-पुरूष और बच्चे घर लौट गए। हमें गार्डन में सिक्युरिटी गार्ड नजर नहीं आया। अब सवाल है कि खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए लोग कहां जाएं ?

    महानगरपालिका की सिक्युरिटी में कटौती किए जाने के बाद यह समस्या पैदा हुई है। गार्डन में सिक्युरिटी गार्डस रहता है कि नहीं, यह खुद ठेकेदार को भी पता नहीं था। जल्द ही गार्डन समय पर खुलने लगेगा।

    -हसमुख गहलोत-उपमहापौर और स्थानीय नगरसेवक