Lumpy Virus
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    -अनिल चौहान

    भायंदर: बेरहमी से गायों की जान ले रहा लम्पी स्किन वायरस (Lumpy Skin Virus) महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में फैल चुका है। ठाणे जिले (Thane District) में भी यह रोग दस्तक दे चुका है। अंबरनाथ, शहापुर, भिवंडी में 14 मवेशी (Cattle) लम्पी वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

    धर्मनगरी मीरा-भायंदर में लम्पी वायरस के पहुंचने से पहले ही उसके रोकथाम और बचाव के प्रयास शुरू हो चुके हैं। इस क्रम में दवा और दुआ की जा रही है। मुंबई के नजदीक उत्तन में सबसे बड़े केशव सृष्टि गौशाला के कार्यवाहक और नगरसेवक डॉ. सुशील अग्रवाल ने बताया की हमने अपनी गौशाला की 250 से अधिक गायों का टीकाकरण कर चुके हैं। अब शहर भर में घुमंतू, गौशालाओं, तबेला, मंदिर के बाहर और घर की गायों को मुफ्त में टीके लगा रहे हैं। बुधवार तक इस तरह की तकरीबन 500 गायों का टीकाकरण किया गया।

    टीका लगाकर गायों को बचाया जा सकता है

    डॉ. अग्रवाल ने बताया कि  लम्पी त्वचा रोग का लक्षणीय इलाज तो है, लेकिन अभी तक कोई टीका नहीं है। हालांकि इससे मिलती-जुलती बीमारी शीप (भेड़) पॉक्स का टीका जरूर है, जो इस बीमारी में भी 80 से 100 % प्रभावी है। बीमारी लगने से पहले यह टीका लगाकर गायों को बचाया जा सकता है। बीमारी से गायों को बचाने के लिए बीजेपी राजस्थान प्रकोष्ठ की ओर से जिला अध्यक्ष एड. रवि व्यास को उनके जन्मदिन पर डेढ़ लाख रुपए की मदद सौंपी गई। 

    गौशालाओं की कर रहे मदद

    पार्टी प्रवक्ता गजेंद्र भंडारी ने बताया कि यह रकम राजस्थान के पथमेड़ा गौशाला को सुपुर्द कर दी गई है। हम ऑनलाइन अभियान चलाकर और धन जुटा रहे हैं। गीता नगर, भायंदर पश्चिम के श्री सालासर धाम के ट्रस्टी नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि गोवंश पर आई आपदा के निवारण के लिए हमने मंदिर में 24 घंटा का कीर्तन किया। साथ ही हम गौभक्तों से धन संग्रह भी कर रहे हैं। यह रकम आर्थिक रूप से कमजोर गौशालाओं को दी जाएगी।

    क्या है यह बीमारी

    लंपी स्किन वायरस एक त्वचा रोग है। इस संक्रमण के चलते गायों में त्वचा पर गांठ बन जाती हैं और बाद में इंफेक्शन में बदलने से उनकी मौत हो जाती है। डॉक्टर सुशील अग्रवाल के मुताबिक यह पुरानी बीमारी है और यह बीमारी साउथ अफ्रीका से शुरू हुई थी। इसमें लक्षण के अनुरूप इलाज किया जाता है।

    संक्रमित जानवर का दूध-मांस नुकसानदेह नहीं

    मीरा-भायंदर महानगरपालिका के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विक्रम निराटले ने कहा कि अभी लम्पी वायरस अपने शहर में नहीं पहुंचा है, लेकिन हम इससे निपटने के लिए तैयार हैं। शहर के मवेशियों का डेटा जमा कर लिया गया है। उनकी संख्या 550 के आस-पास है। यह बीमारी खासकर गाय-भैस को होती है। संक्रमित जानवर का दूध या मांस नुकसानदायक नहीं होता है।