
मुंबई. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के ‘हल्ला बोल’ प्रदर्शन के साथ-साथ सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से जवाबी प्रदर्शन किया जाएया। अधिकारियों ने कहा कि करीब 2,500 पुलिसकर्मी यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर होंगे कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो। इसके अलावा शहर का ट्रैफिक भी जाम होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के साथ किए गए ‘अन्याय’, शिवाजी महाराज और महात्मा फुले जैसे राज्य की महान हस्तियों के ‘अपमान’ और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषियों के खिलाफ ‘अत्याचार’ के साथ ही औद्योगिक परियोजनाओं को राज्य से बाहर ले जाने के खिलाफ एमवीए सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ‘मोर्चा’ (विरोध मार्च) निकालेंगे।
दिनांक १७/१२/२०२२ रोजी महाविकास आघाडी पक्षाने मोर्चा आयोजित केला आहे. यास्तव सकाळी १०:०० वा. ते सायंकाळी मोर्चा समाप्ती पर्यंत वाहतूक व्यवस्थेचे खालील प्रमाणे नियोजन करण्यात आले आहे.#MTPTrafficUpdates pic.twitter.com/Rm6vAIMrvd
— Mumbai Traffic Police (@MTPHereToHelp) December 16, 2022
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे की सरकार और भाजपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा मोर्चा के माध्यम से व्यक्त किया जाएगा। मार्च जे जे अस्पताल के पास से शुरू होगा और दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर समाप्त होगा।
एमवीए के विरोध प्रदर्शन को इस साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिराए जाने के बाद सहयोगी दलों को एकजुट करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने घोषणा की कि डॉ. बी आर आंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं का ‘अपमान’ करने के लिए एमवीए से माफी की मांग को लेकर उनकी पार्टी शनिवार को मुंबई में ‘माफी मांगो’ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आंबेडकर की जन्मभूमि पर विवाद उत्पन्न करने की कोशिश की, जबकि एक अन्य नेता सुषमा अंधारे ने भगवान राम, भगवान कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर और संत एकनाथ के साथ-साथ वारकरी समुदाय का भी अपमान किया।
इस बीच, एक अधिकारी ने कहा कि शहर की पुलिस ने एमवीए के विरोध मार्च को अनुमति इस शर्त पर दी है कि आयोजकों को यातायात विभाग और नागरिक निकाय से आवश्यक अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मार्च के रास्ते में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 317 पुलिस अधिकारी, 1,870 कांस्टेबल, राज्य रिजर्व पुलिस बल के 22 प्लाटून और दंगा नियंत्रण पुलिस के कम से कम 30 दस्ते मौजूद रहेंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)