Manohar Joshi, Uddhav Thackeray, Shiv Sena, Balasaheb Thackeray
मनोहर जोशी व उद्धव ठाकरे

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मुंबई : महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा के पूर्व स्पीकर के साथ-साथ वरिष्ठ राजनेताओं में शुमार थे। आज सुबह मनोहर जोशी का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे बीते काफी समय से अस्पताल में भर्ती थे, जहां पर उनका दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को उनका निधन हो गया। वे शिव सेना के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाते थे, लेकिन बाला साहेब ठाकरे की मौत के बाद उद्धव ठाकरे से संबंधित मधुर न होने से वह साइडलाइन किए जाते रहे। उद्धव ठाकरे पर की गयी एक टिप्पणी से उनका राजनीतिक करियर खत्म सा हो गया। 

Manohar Joshi, Uddhav Thackeray, Shiv Sena, Balasaheb Thackeray
बाला साहेब के साथ मनोहर जोशी व उद्धव ठाकरे

मनोहर जोशी, शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के करीबी नेताओं में शुमार थे, जिन पर बाला साहेब ठाकरे बहुत अधिक भरोसा करते थे। शिवसेना के गठन से लेकर पार्टी को एक मुकाम देने में उनकी अहम भूमिका रही। हालांकि बाला साहेब ठाकरे की मौत के बाद पार्टी की हालत व कार्यकर्ताओं की स्थिति को लेकर मनोहर जोशी ने कुछ साल पहले उद्धव ठाकरे की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी, जिसके बाद वे शिवसेना की राजनीति में हाशिए पर चले गए थे। 

दामाद को लेकर उठा था विवाद

आपको याद होगा कि मनोहर जोशी 14 मार्च, 1995 को सूबे के मुख्यमंत्री बन तो गए लेकिन दामाद को लेकर उठे एक जमीनी विवाद के कारण चार साल के भीतर ही उनको 31 जनवरी 1999 को इस्तीफा देकर सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। वह महाराष्ट्र के पहले पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। लेकिन बाला साहेब के कहने पर सीएम की कुर्सी छोड़ दी।

पारिवारिक परिचय 
मनोहर जोशी का जन्म रायगढ़ जिले के निम्न मध्यम वर्गीय देशष्ठ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि जोशी के पूर्वज बीद जिले से रायगढ़ जिले के गोरेगांव ग्राम में जा पहुंचे और पहले के ‘ब्रह्मे’ परिवार ने अपने पेशे के कारण ‘जोशी’ उपनाम अपना लिया। 14 मई 1964 को श्रीमती अनघ जोशी के साथ उनका विवाह हुआ एवं उनके एक पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। मनोहर जोशी को 2010 में मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट (राजनीति विज्ञान में) की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

मनोहर जोशी ने शिवसेना से पहले आरएसएस से राजनीतिक व सामाजिक करियर शुरू किया था। वे 1976 से 1977 के दौरान मुंबई के मेयर भी चुने गए थे। लेकिन उसके बाद 1972 में विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर राज्यस्तरीय राजनीतिक पारी शुरु की। इसके बाद वे 1990 में शिवसेना की टिकट पर विधान सभा के लिए चुने गए। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए (NDA)) सरकार के दौरान वे 2002 से 2004 तक लोकसभा के अध्यक्ष भी थे। उसके बाद 2004-2006 तक वे भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्री के रूप में काम किया।

Manohar Joshi, Uddhav Thackeray, Shiv Sena, Balasaheb Thackeray
मनोहर जोशी व राज ठाकरे

मनोहर जोशी के बढ़ते राजनीतिक कद से नारायण राणे और छगन भुजबल जैसे नेताओं का विरोध झेलना पड़ा। इतना ही नहीं राजनीतिक खींचतान में वह लोकसभा का चुनाव हार गए तो उनको पार्टी ने राज्यसभा में भेजा। 

मनोहर जोशी के बारे में कहा जाता है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के साथ भी राजनीतिक विरोध के बाद भी सौहार्दपूर्ण आपसी संबंध बने रहे। 

राजनीतिक सफरनामा

1967-1972 – पार्षद, बंबई नगर निगम

1972-1989 – सदस्य, महाराष्ट्र विधान परिषद

1976-1977 – मुंबई के महापौर

1990-1991 – सदस्य और महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष के नेता

1995-1999 – महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री

1999-2004 – लोक सभा के सदस्य

2002-2004 – लोकसभा के अध्यक्ष

2004 से 2006 तक भारी उद्योग मंत्री

2006- में राज्य सभा के सदस्य

महाराष्ट्र की राजनीति का ‘सभ्य चेहरा’  
मनोहर जोशी के निधन पर उनको प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके देश व प्रदेश की राजनीति में योगदान को याद किया है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने उनके निधन पर कहा कि मनोहर जोशी के निधन से महाराष्ट्र की राजनीति का ‘सभ्य चेहरा’ चला गया। 

आपको याद होगा कि मनोहर जोशी की सरकार में नितिन गडकरी ने बतौर मंत्री काम किया था। मनोहर जोशी का अंतिम संस्कार दादर इलाके में शिवाजी पार्क श्मशान घाट में किया जाएगा।