मुंबई : शहर (City) में जुन (June) के महीने (Month) में मानसून (Monsoon) की शुरुआत होगी, ऐसे में बारिश (Rain) आने के बाद बीएमसी की आधी अधूरी तैयारी की वजह से हर साल जलभराव हो जाता है। जिसके चलते मुंबईकरों को कई दिक्कतों (Many Problems) का सामना करना पड़ता है। नतीजतन बारिश में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है, और बीएमसी के तैयारियों के दावों की पोल खुल जाती है।
बता दें नालों की सफाई पर बीएमसी ने कितना काम किया है इसका जायजा आज सांसद मनोज कोटक ने लिया। उनके साथ पूर्व मंत्री आशीष शेलार, विधायक और नगरसेवक थे जहां उन्होंने मुंबई के पूर्वी उपनगर इलाको के नाला सफाई के कामकाज का जायजा लिया।
कुछ जगहों पर अब तक काम की शुरआत तक नहीं हुई
वहीं नाला सफाई का जायजा लेने के बाद सांसद मनोज कोटक ने बताया कि, हर साल थोड़े ही बारिश में बीएमसी के दावे की पोल खुल जाती है ऐसा लगता है कि सफाई के नाम पर करोड़ो रुपए पानी मे चले गए। हमने नाला सफाई के काम का जायजा लिया और यह पाया कि नाला सफाई के काम पर करोड़ो रुपए खर्च होने के बावजुद भी मौजुदा स्थिति भयावह है। प्लास्टिक और कचरों से नाले भरे है, नाले सफाई के काम की देरी से शुरआत हुई, कुछ जगहों पर अब तक काम की शुरआत तक नहीं हुई, बिना टालमटोल और देरी करते हुए इस काम को पुरा किया जाए। हर साल नाले सफाई का नाटक करने वाली शिवसेना और बीएमसी प्रशासन ने इस बार भी सफाई के नाम पर लिपा पोती करती हुई नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि इन्हे मुंबईकरों से कोई लेना देना नहीं है। इस बार पानी भरा तो जिम्मेदार ये लोग ही होंगे। हमारा काम मुंबईकरों की सेवा करना है, उन्हें सुविधा मिले कोई दुविधा न हो, हम विशेष तौर पर इसका ध्यान रखते है।
इन जगहों पर किया विजिट
मुलुंड पश्चिम तांबे नगर नाला, रामगड नाला, भांडुप एपीआय नाला (भांडुप पूर्व), ऑक्सीजन नाला, घाटकोपर लक्ष्मीनगर के लक्ष्मी बाग और सोमैया नाला इन सभी जगहो के नाले- सफाई के कामकाज का जायजा लिया गया। इस मौके पर विधायक मिहिर कोटेचा, बीजेपी नेता प्रभाकर शिंदे, प्रकाश गंगाधरे, भालचंद्र शिरसाट, भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजुद थे।