मुंबईकरों को मिलेगी गुड न्यूज़, एसी लोकल के किराए में होगी कमी

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    मुंबई : आने वाले दिनों में मुंबई (Mumbai) के लोकल ट्रेन (Local Train) के यात्रियों को अच्छी खबर मिल सकती है। एसी लोकल (AC Local) के किराए में कमी का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड (Railway Board) को भेजा गया है। बताया गया है कि एसी लोकल का किराया मुंबई मेट्रो (Mumbai Metro) की तर्ज पर तय किए जाने पर विचार किया जा रहा है। वैसे रेलवे को आने वाले समय में केवल पूरी तरह से वातानुकूलित लोकल ट्रेनें चलाने पर भी विचार किया गया है।

    उल्लेखनीय है कि प्रयोग के तौर पर इस समय सेंट्रल और वेस्टर्न पर एसी लोकल चलाई जा रही है। एसी ईएमयू का किराया प्रथम श्रेणी के किराए का 1.3 गुना है। सिंगल जर्नी टिकट मूल्य मेट्रो के मुकाबले काफी ज्यादा है।

    बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

    यदि एसी लोकल ट्रेनों के किराए को मेट्रो के स्तर पर लाया जाता है, तो नई मेट्रो ट्रेनों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। इसके पहले मुंबई लोकल एसी और नॉन एसी दोनों रेक के साथ चलाने पर चर्चा हो चुकी है। रेलवे बोर्ड जल्द ही किराए की कीमतों में कमी करने और अधिक सुविधाएं शुरू करने की संभावना है। पश्चिम रेलवे के जीएम आलोक कंसल के अनुसार, हम एसी लोकल ट्रेनों को बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि नई ट्रेनें एमएमआर के उपनगरीय खंड में आ रही हैं। कई चीजें विचाराधीन हैं, किराए में कमी उनमें से एक है।

    देश में सबसे सस्ती सेवा

    यदि ऐसा हुआ तो मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल यात्रा में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। वैसे मुंबई की सेकंड क्लास लोकल यात्रा देश में सबसे सस्ती है, लेकिन मुंबई एसी लोकल ट्रेन का वर्तमान न्यूनतम किराया 65 रुपए है, जबकि मेट्रो का पहले 3 किमी के लिए मात्र 10 रुपए है। मौजूदा एसी लोकल का सिंगल ट्रैवल टिकट का किराया मेट्रो के किराए के बराबर लाया जा सकता है। सीजन टिकट या मासिक की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा।

    एमआरवीसी एसी लोकल ही खरीदेगा

    बताया गया है कि अब मुंबई रेल विकास कॉर्पोरेशन एसी लोकल खरीदेगा। एमयूटीपी 3 और 3A के तहत एमारवीसी 238 पूरी तरह से एसी ट्रेनों की खरीद करेगा। टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के बाद पहली नई ट्रेन का निर्माण तीन साल के भीतर होने की उम्मीद है। एमआरवीसी ने मुंबई और दिल्ली में मेट्रो के किराए के समान एसी लोकल ट्रेनों की किराया संरचना का सुझाव दिया है। वैसे उपनगरीय यात्रा का 30 प्रतिशत प्रथम श्रेणी और 70  प्रतिशत द्वितीय श्रेणी द्वारा होता है। फर्स्ट  एवं सेकंड क्लास के किराए में भी काफी अंतर है।