nawab malik
File Photo:ANI

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    मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Minister Nawab Malik) को सेशन कोर्ट (Sessions Court) से जमानत (Bail) नहीं मिली। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। हालांकि सेशन कोर्ट ने मलिक के निजी अस्पताल के डॉक्टरों को जेजे अस्पताल (JJ Hospital) में उनकी निगरानी और इलाज की अनुमति दे दी है। उन्होंने मेडिकल जमानत के लिए कोर्ट से गुहार लगायी थी। मलिक को जेजे अस्पताल से आर्थर रोड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

    वकील अमित देसाई ने कोर्ट में दलील दी कि मलिक को हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की समस्या, पैरों में सूजन, बेरियाट्रिक सर्जरी और दर्द की शिकायत है। तबीयत ठीक नहीं होने के बावजूद उन्हें जेजे अस्पताल से जेल में ले जाया गया। इसलिए मलिक को एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    ईडी निजी अस्पताल में इलाज का किया विरोध

    ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मलिक की मांग का विरोध करते हुए जेजे अस्पताल में अच्छी सुविधाएं होने की बात कही। उन्होंने मलिक से जेजे अस्पताल में अपना इलाज जारी रखने का अनुरोध किया। उनकी दलीलों के बाद न्यायाधीश ने नवाब मलिक को जेजे अस्पताल में इलाज करने का निर्देश दिया और निजी डॉक्टरों को उनका इलाज करने की अनुमति देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।

    6 मई तक न्यायिक हिरासत

    शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका को स्वीकार नहीं किया। विशेष पीएमएलए अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 6 मई तक बढ़ा दी है। मलिक ने बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

    दाऊद के गुर्गों के जरिए संपत्ति हथियाने का आरोप

    ईडी ने नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह आर्थर रोड़ जेल में बंद हैं। मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर और बहन हसीना पारकर के गुर्गों से जुड़े होने का आरोप है। मलिक से जुड़ी कंपनी ने 300 करोड़ रुपए की संपत्ति दाऊद के गुर्गों के जरिए कम पैसे में हथिया लिया था। ईडी ने मलिक के खिलाफ 5,000 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है।