ajit pawar

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मुंबई: पुरानी पेशन योजना (Old Pension Scheme) शुरु करने की मांग को लेकर राज्य के 18 लाख कर्मचारियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल (Strike) शुरु की है।  जिसको लेकर विधान मंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। विधान परिषद में समूचे विपक्ष ने जहां दिन भर के लिए कामकाज का बहिष्कार किया, वहीं विधान सभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने कड़ी नाराजगी जतायी। उन्होंने सरकार से मांग की कि कर्मचारी संगठनों के साथ बातचीत कर समस्या को सुलझाये। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि जब सरकार के पीछे महाशक्ति है तो उसे पुरानी पेंशन लागू करने में क्या दिक्कत है। 

पुरानी पेंशन के मुद्दे पर कर्मचारियों के हड़ताल का मुद्दा विधानपरिषद में उठा। इस पर सरकार की तरफ से किसी तरह की भूमिका सामने नहीं आने को लेकर विपक्ष ने सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि यह सरकार अत्यंत असंवेदनशील है, सही मायने में सरकार को आंदोलनकारियों से संवाद स्थापित करने की आवश्यकता थी, लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों को सुनने को तैयार नहीं है। 

अजीत पवार ने किया इन आरोपों को खारिज

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने उन आरोपों को खारिज किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद की थी। उन्होंने कहा कि जब पुरानी पेंशन बंद की गयी तब प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे। वर्ष 2005 में देश के सभी राज्यों के लिए यह निर्णय लिया गया था, लेकिन उस समय के सभी को पेंशन मिलनी थी। इसलिए सभी ने मान्यता दी। 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों के समक्ष पेंशन की समस्या थी। 

राज्य सरकार के पीछे महाशक्ति के होते हुए आर्थिक भार बढ़ने की चिंता नहीं होनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के साथ शिवसेना पूरी ताकत से खड़ी है। देश के कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। फिर फडणवीस-मिंधे सरकार अल्टी-पल्टी का खेल क्यों खेल रही है। जो हक है वह कर्मचारियों को मिलना चाहिए।

-उद्धव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र