मुंबई : पूरे देश में फिलहाल पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की सरगर्मी तेज है, लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) में होने वाले 10 महानगरपालिका के चुनाव टाले जाने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में मुंबई (बीएमसी) के अलावा ठाणे, पुणे, नागपुर, नाशिक, पिंपरी-चिंचवड़, सोलापुर (Thane, Pune, Nagpur, Nashik, Pimpri-Chinchwad, Solapur) समेत 10 महानगरपालिका (Municipal Corporations) में प्रशासकों की नियुक्ति होने की संभावना है।
ऐसे संकेत हैं कि राजनीति में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुलझने तक राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव स्थगित रहेंगे। ओबीसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग की प्रारंभिक रिपोर्ट का सबमिट करने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि इस बारे में अंतिम रिपोर्ट का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित करने के लिए कहा जा सकता है। पिछले साल राज्य सरकार ने मुंबई और महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम में संशोधन किया, जिसके अनुसार समाप्त हो चुके नगर निगमों पर केवल प्रशासकों की नियुक्ति की जाएगी।
यह प्रावधान किया गया है कि निगम के पार्षदों को पांच साल से अधिक का सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा। औरंगाबाद, नवी मुंबई, वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली और कोल्हापुर नगर निगमों का कार्यकाल वर्ष 2020 में समाप्त हो गया है और वर्तमान में यहां प्रशासनिक शासन है। मुंबई, ठाणे, नाशिक, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़, सोलापुर, अमरावती, अकोला और नागपुर में मौजूदा नगरसेवकों का कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है। मुंबई नगर निगम कार्यकाल 7 मार्च को समाप्त हो रहा है। हालांकि चुनाव अप्रैल या मई के अंत तक घोषित होने की संभावना है।