gard mumbai fire

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    मुंबई: शुक्रवार को परेल (Parel) स्थित 60 मंजिला इमारत में लगी आग (Fire) में वहां के निवासी तो बच गए, लेकिन उन्हें रेस्क्यू (Rescue) करने के लिए गए एक 30 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड (Security Guard) को अपनी जान गंवानी (Death) पड़ी। मृतक के सहकर्मियों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपेरशन के दौरान वो घर में घुसे और फिर आगे की लपटें देख वह बचने के लिए बालकनी पर जा लटका और फिर नीचे गिर गया। इस पूरी घटना में एक परिवार का सहारा छीन गया।

    मृतक प्रयागराज स्थित हथिगनी गांव का रहनेवाला था। वह पिछले 10 साल से मुंबई में सिक्योरिटी गार्ड का काम कर रहा था। बीते 5 साल से वह वन अविघ्ना इमारत में बतौर सिक्योरिटी गार्ड कार्यरत था। 

    3 लोगों को रेस्क्यू किया

    उनके एक सहकर्मी शैलेंद्र ने बताया कि जब सुबह आग लगी तो अरुण और अन्य सहकर्मी लोगों रेस्क्यू करने के लिए 19 फ्लोर पर गए। हमने 3 लोगों को रेस्क्यू किया, लेकिन घर में कोई फंसा तो नहीं यह देखने के लिए अरुण अंदर गया उसके बाद वह बालकनी में पहुंच गया और आग की लपटों से बचने के लिए वह लटक गया उसके बाद उसका हाथ छूट गया और वह 19 फ्लोर से नीचे गिर गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित किया। केईएम अस्पताल के डॉ. प्रवीन बांगर ने बताया कि करीब 12.45 को पीड़ित को केईएम अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने ईसीजी किया और फिर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

    परिवार का खर्च अरुण के जिम्में था

    अरुण के रिश्तेदार मुकेश पांडेय ने बताया कि अरुण माटुंगा में रहता था। उसकी शादी नहीं हुई है। घर पर मां और बड़ा भाई और उसका परिवार है। भाई की आमदनी उतनी नहीं थी, ऐसे में अरुण ही घर का सहारा थे। बहन की शादी का भी जिम्मा उसके कंधों पर था, हालही में बहन की शादी की थी उसके बाद अपनी शादी करने की बात कही, लेकिन यह अनहोनी हो गई।

    अरुण के परिवार को मिले मदद

    मृतक के रिश्तेदार जगन्नाथ पांडेय ने कहा कि अरुण की परिवार का स्तंभ था, अपनी ड्यूटी निभाते वक्त उसकी मौत हुई है। हमारी यही मांग है कि उसके परिवार को उसका हक्क मिले।