ST Workers on Silver Oak

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    मुंबई: सरकार के साथ विलय की मांग को लेकर हड़ताली एसटी कर्मियों ने शुक्रवार दोपहर साढ़े 3 बजे अचानक एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के सिल्वर ओक घर पर  उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान एसटी कर्मियों ने पवार के घर पर पत्थर और चप्पल फेंक कर विरोध किया।  एसटी कर्मियों के इस अचानक धरना-प्रदर्शन से पवार के घर के बाहर अफरा-तफरी का माहौल खड़ा हो गया।

    महाराष्ट्र के सबसे बड़े नेता के घर पर हुए इस हमले से महाविकास आघाडी सरकार के भी हाथ पांव फूल गए। जिस समय यह हमला उस समय शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ वहां मौजूद थीं।

    सुप्रिया सुले ने जोड़े हाथ

    शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने हाथ जोड़ कर एसटी कर्मियों को इस तरह से उग्र आंदोलन न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि घर के अंदर उनकी मां और बेटी मौजूद हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। सुप्रिया की इस अपील के बावजूद एसटी कर्मियों उनके साथ बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। एसटी कर्मियों के इस रुख को देख सुप्रिया घर में वापस लौट गई। वहीं, इसके बाद पूरे मामले को शांत कराने के लिए मुंबई पुलिस ने कमान अपने हाथों में ले ली। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून- व्यवस्था) विश्वास नागरे पाटिल, शरद पवार के घर पहुंचे और उन्होंने एसटी कर्मियों को कंट्रोल करते हुए वहां से निकाला। सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर मुंबई पुलिस समय से नहीं पहुंचती तो कोई बड़ी घटना घट सकती थी। उन्होंने समय से कार्रवाई करने के लिए मुंबई पुलिस का आभार जताया है। 

     सिल्वर ओक में कौन-कौन मौजूद था

    सूत्रों के मुताबिक़, जिस समय एसटी कर्मियों ने शरद पवार के घर पर हमला बोला। उस समय एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, उनकी पत्नी प्रतिभा पवार और सुप्रिया सुले अपनी बेटी के घर में मौजूद थीं।

    ख़ुफ़िया तंत्र पर सवाल  

    एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के घर पर अचानक हुए इस हमले के बाद राज्य के बड़े नेताओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर एसटी कर्मी इतनी संख्या में सीधे पवार के घर कैसे पहुंच गए और इस बात की भनक गृह विभाग और मुंबई पुलिस को क्यों नहीं लगी। इस हमले के बाद यह पूछा जा रहा है कि क्या गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल का ख़ुफ़िया तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ है।  

    बड़े नेताओं की सुरक्षा बढ़ी

    शरद पवार के घर पर हुए हमले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और परिवहन मंत्री अनिल परब समेत अन्य बड़े नेताओं के घरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एसटी कर्मियों के इस आक्रामक रुख को देखते हुए मंत्रियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस अब कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है।    

    शरद पवार के खिलाफ नारेबाजी

    एसटी कर्मियों ने अपने प्रदर्शन के दौरान एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन कामगारों का आरोप है कि शरद पवार ने अपने वादों को नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि सरकार के रवैए की वजह से कई एसटी कर्मियों को आत्महत्या करनी पड़ी है। वहीं विलय का मामला भी लटका हुआ है।

    22 अप्रैल तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने एसटी कामगारों को काम पर वापस लौटने के लिए 22 अप्रैल का अल्टीमेटम दिया है। वहीं फिलहाल विलय की मांग को खारिज कर दिया गया है। इस वजह से एसटी कर्मी भड़के हुए हैं।