मुंबई: मुंबई में बढ़ती हुई आग की घटनाओं (Fire Incidents) को देखते हुए अब बीएमसी (BMC) अपने अस्पतालों (Hospitals) का भी फायर ऑडिट (Fire Audit) कराएगी। बीएमसी के चार बड़े अस्पताल और 16 उपनगरीय अस्पताल के अलावा कई प्रसूति गृह और दवाखाने हैं। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि अस्पतालों को स्वयं फायर ऑडिट कराना होगा। मुंबई फायर ब्रिगेड (Mumbai Fire Brigade) अब तक बीएमसी अस्पतालों (BMC Hospitals) को सूचना उपलब्ध कराता था। पहली बार उच्च स्तर पर फायर ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है।
फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि दो वर्ष पहले हमने मुंबई के सभी अस्पतालों का हमने इंस्पेक्शन किया था। जिन अस्पतालों ने फायर ऑडिट नहीं कराया था, उन्हें फायर ऑडिट कराने की नोटिस दी गई थी। अधिकारी ने कहा कि अस्पतालों और सोसायटियों में फायर ऑडिट हुआ है कि नहीं यह जांचने का काम फायर ब्रिगेड का नहीं है। वे निजी लाइसेंसी एजेंसियों से फायर ऑडिट कराना होता है।
मानसून के पहले होगा ऑडिट
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि बीएमसी अस्पतालों को मानसून से पहले फायर ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है। अधिकारी के अनुसार बारिश के दौरान सीलन और वोल्टेज में कम ज्यादा होने के कारण शॉर्ट सर्किट की घटनाएं होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए बीएमसी ने अस्पतालों का फायर ऑडिट कराने का फैसला किया है।
शार्ट सर्किट से होने वाली दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है
तीन वर्ष पूर्व भंडारा के अस्पताल में हुई आग की घटना के बाद से ही बीएमसी ने मुंबई के सभी अस्पतालों का इंस्पेक्शन कर फायर ऑडिट कराने का आदेश दिया था। हालांकि बीएमसी अस्पतालों को इससे बाहर रखा गया था। मुंबई फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने कहा कि हमारी टीम ने बीएमसी अस्पतालों का विजिट कर फाल्टी इन्फार्मेशन दिया था। अब उन्हें फायर ऑडिट कराने का निर्देश उच्च स्तर पर दिया गया है। फायर ऑडिट में अस्पताल में लगे फायर उपकरण सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं यह देखा जाता है। फायर उपकरण में आई कमियों को दूर किया जाता है। इससे शार्ट सर्किट से होने वाली दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।