Western Express Highway

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) के पश्चिम उपनगरों से होकर गुजरने वाला व्यस्ततम महामार्ग  वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (Western Express Highway) का कांक्रीटीकरण किए जाने का निर्णय एमएमआरडीए (MMRDA) ने लिया है। भारी ट्रैफिक जाम (Heavy Traffic Jam) की वजह से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर मानसून के दौरान बड़ी संख्या में गड्ढे हो जाते हैं।

     बताया गया है कि माहिम जंक्शन (Mahim Junction) से दहिसर चेकनाका (Dahisar Checknaka )तक  25.3 किमी के मुख्य मुख्य मार्ग का कांक्रीटीकरण होगा। इस हाइवे पर 12 फ्लाईओवर, 13 पैदल यात्री अंडरपास, 9 वाहन अंडरपास और 13 पैदल पुल हैं। प्रति दिन लगभग 4.39 लाख वाहन इस महामार्ग से गुजरते हैं।

    2018 से एमएमआरडीए के पास

    पीडब्ल्यूडी 2018 में वेस्टर्न एक्सप्रेस का एक हिस्सा  एमएमआरडीए को ट्रांसफर कर दिया था। 2019 में पूरे रूट को एमएमआरडीए को ट्रांसफर कर दिया गया। तब से एमएमआरडीए हर साल इसकी  मरम्मत पर 30-40 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।  भारी यातायात के कारण गड्ढे और ट्रैफिक जाम वेस्टर्न एक्सप्रेस की सबसे बड़ी समस्या है। माहिम से दहिसर मुख्य सड़क खंड को डामर की बजाय कंक्रीट का प्लान बनाया गया।  हाल ही में  प्राधिकरण की शहरी विकास मंत्री के साथ हाल ही में हुई बैठक में एक प्रस्ताव लाया गया और कंक्रीटीकरण परियोजना के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी गई। इसकी  अनुमानित लागत 837 करोड़ रुपये होगी।

    2050 तक टिकेगा हाइवे

    इसकी नई डिजाइन 2050 तक मार्ग के सही सलामत रहने को ध्यान में रख कर तैयार की गई है। 25.3 किलोमीटर की दूरी को पांच पैकेजों में कंक्रीट किया जाएगा। माहिम से शंकरवाड़ी जंक्शन के बीच 10.08 किलोमीटर की दूरी पर 217 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि शंकरवाड़ी जंक्शन से दिंडोशी  जंक्शन तक 5 किलोमीटर की सड़क पर 192 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह, 5 किलोमीटर दिंडोशी जंक्शन से भोर जंक्शन के लिए 211 करोड़ रुपए और भोर जंक्शन से दहिसर चेकनाका के बीच 5.25 किमी  के खंड के लिए 214 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा बजट को मंजूरी मिलने के बाद, एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार को निविदा प्रक्रिया से पहले नियुक्त किया जाएगा।