Mumbai's Dongri gets a new gate, India's first gate dedicated to the martyrs of Karbala

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    मुंबई: दक्षिण मुंबई (Mumbai) के डोंगरी (Dongri) इलाके की हज़रात अब्बास स्ट्रीट (Hazrat Abbas Street) को नई पहचान मिली है। यहां ‘बाब-ए-शोहदा-ए-कर्बला’ (Baab-E-Shohda-E-Karbala) नाम से बेहतरीन पर्शियन आर्चीटेक्चर का गेट लगाया गया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत का पहला कर्बला के शहीदों को समर्पित गेट है। 

    बता दें कि, पैगंबर मुहम्मद के नवासे हज़रात इमाम हुसैन अपने परिवार के सदस्यों सहित 72 साथियों के साथ मदीना से सन 680 सीई में इराक के कर्बला पहुंचे थे। जहां उम्मायद राजा यज़ीद की सेना द्वारा उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मुहर्रम के दौरान डोंगरी एक ‘शोक क्षेत्र’ में बदल जाती है जिसमें सैकड़ों शिया समुदाय के लोग आते हैं।

     
     
     
     
     
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     रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके के स्थानीय लोग लंबे समय से इस गली के मुहाने पर गेट लगाने की मांग कर रहे थे। कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के अलावा, यह गेट गली को भी सुशोभित करता है और अब यह इलाके का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह गेट 28-फीट और 31.5-फीट चौड़े है। इसके निर्माण के लिए फंडिंग की। 

    रिपोर्ट में इलाके के एमएलए अमीन पटेल के हवाले से कहा गया है कि, उन्होंने बताया, “हम एक ऐसी संरचना चाहते थे जो सदियों तक चल सके और मुंबई के तीर्थ-पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी बन सके।”

    बताया जा रहा है कि, इस दरवाज़े को बनाने के लिए करीब आठ महीने तक मकराना (राजस्थान) में कारीगरों ने जैसलमेर के पत्थरों को स्तम्भ और स्लैब तैयार करने के लिए हाथ से तराशा। पीले जैसलमेर पत्थरों के अलावा, इतालवी संगमरमर, नीले पत्थरों और मोतियों का भी उपयोग किया गया है, जो सामूहिक रूप से संरचना को एक राजसी रूप देते हैं। गेट फारसी शैली की वास्तुकला का मिश्रण है।