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  • बाल मृत्यु को रोकने की दिशा में किए जा रहे प्रयास अधूरे

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नागपुर. कोविड वाइरस ने दुनिया भर में हंगामा मचा रखा है. कुछ देशों में वैक्सिन देने का काम शुरू हो गया है. जबकि भारत में अब तक वैक्सिन की तैयारी ही की जा रही है. वहीं दूसरी ओर कोरोना का नया स्ट्रेन आने से एक बार फिर चिंता बढ़ गई है. इस महामारी के अलावा भी अनेक बीमारियां है जिनसे मरने वालों का सिलसिला सतत रूप से जारी है. पिछले 9 महीने के भीतर नागपुर विभाग में 1,283 बच्चों की विविध कारणों से 1 वर्ष के भीतर ही मृत्यु हो गई. यानी इन बच्चों ने अपना पहला जन्मदिन ही नहीं मनाया. इनमें जिले के 308 बच्चों का समावेश रहा. यह जानकारी स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय से मिली.

मां बनना हर महिला के लिए सुखद अनुभव होता है. लेकिन कई महिलाओं के लिए मां बनने की खुशी कुछ दिनों और महीनों में मातम में बदल जाती है. मध्यभारत में आरेंज सिटी को मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है. इसके बावजूद बाल मृत्यु को रोकने और मृत्यु के कारणों को खोजने की दिशा में किये जा रहे प्रयास अधूरे लग रहे हैं. कुल बच्चों में कुछ नवजात जन्म के बाद तो कुछ 1 वर्ष के भीतर ही चल बसे. स्वास्थ्य उपसंचालक विभाग के कार्यक्षेत्र में आने वाले जंगलग्रस्त गडचिरोली जिले में २७४ तथा चंद्रपुर जिले में 284 बच्चों की मौत हुई.

योजनाओं पर करोड़ों पर खर्च 

गर्भवती माता और बच्चों के देखभाल के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम चलाया जाता है. आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार योजना चलाई जाती है. इतना ही नहीं गर्भधारण से लेकर तो प्रसूति तक महिलाओं के लिए विविध तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं. सरकार द्वारा इन योजनाओं पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. इसके बाद भी बाल मृत्यु के आंकडे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं.

बच्चों की मौत की वजह भी अलग-अलग होती हैं. लेकिन अधिकांश मौतें जन्म के बाद से होने वाली बीमारी के कारण होती है. मौतें रोकने के लिए उसके कारण तक पहुंचने और उपाय योजना खोजने की जरुरत होती हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में गंभीरता से विचार नहीं किया जाता. न ही कभी अध्ययन किया गया है. सरकार केवल योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च करती है. जबकि सही मायने में उपाय योजना को खोजना जरुरी है. 

विभाग में बाल मृत्यु की स्थिति

जिला माता मृत्यु
नागपुर 308
चंद्रपुर   284
गडचिरोली 274
भंडारा   168
गोंदिया 145
वर्धा  104
कुल  1283