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नागपुर. मनपा में अधिकारी और ठेकेदारों के बीच साठगांठ कोई नई बात नहीं है.  इस तरह के मामले गत कुछ समय से लगातार उजागर हो रहे हैं. इसी तरह अब लक्ष्मीनगर जोन में भी काम अधूरा होने के बाद भी ठेकेदार को भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है. यहां तक कि पूरे मामले की जांच स्वयं मनपा के चीफ इंजीनियर द्वारा की गई.

इसके बाद मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर उप अभियंता लामसोंगे और जूनियर इंजीनियर जाम्भुलकर को आयुक्त के आदेश से निलंबित कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि मनपा में स्टेशनरी घोटाले में कुछ अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. यहां तक कि उनके खिलाफ फौजदारी मामले भी दर्ज किए गए. इसके बाद अब ठेकेदार को भुगतान का मसला उजागर हुआ है. उल्लेखनीय है कि दोनों अधिकारी लक्ष्मीनगर जोन में मल-जल विभाग में कार्यरत हैं. 

मुख्य मल-जलवाहिनी के लिए 11 करोड़ की निधि

सूत्रों के अनुसार लक्ष्मीनगर जोन अंतर्गत अलग-अलग बस्तियों में सीवरेज लाइन की समस्या को लेकर शिकायतें आने लगी थीं जिसके बाद कुछ पूर्व पार्षदों और स्थानीय नेताओं की मांग पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीवरेज लाइन के लिए 11 करोड़ रुपए मंजूर किए थे. इसके तहत हिंगना टी-पॉइंट से मुख्य मल-जलवाहिनी सुभाषनगर, लोखंडेनगर, गायत्रीनगर, शास्त्रीनगर आदि से होते हुए ले जाना था. इसी मुख्य मल-जलवाहिनी को सभी संबंधित बस्तियों की छोटी वाहिनी को भी जोड़ा जाना था.

मनपा की ओर से टेंडर आवंटित किया गया. बताया जाता है कि टेंडर के अनुसार कॉन्ट्रैक्टर द्वारा पूरा काम नहीं किया गया. कई जगहों पर अधूरा काम होने से समस्या हल नहीं हुई, जबकि ठेकेदार को बिल का पूरा भुगतान कर दिया गया. समस्या ज्यों की त्यों होने के कारण स्थानीय लोगों की फिर शिकायतें आने लगीं जिससे मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ इंजीनियर द्वारा जांच की गई. 

जाल में फंसेंगी बड़ी मछलियां

जानकारों के अनुसार प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार भले ही वर्तमान में केवल 2 इंजीनियरों को निलंबित किया गया हो लेकिन इसकी आंच बड़ी मछलियों तक जाने की संभावना जताई जा रही है. माना जा रहा है कि 11 करोड़ की निधि काफी बड़ी होती है. ऐसे में यह मामला केवल डिप्टी इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर तक सीमित नहीं रह सकता. इसके अलावा राज्य सरकार से प्राप्त निधि के तहत यह विकास कार्य हुआ है. ऐसे में मुख्यालय से भी इसके तार जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता. 

कोई संबंध नहीं 

लक्ष्मीनगर जोन में ही कार्यरत कुछ अधिकारी और कर्मचारियों का मानना है कि ठेकेदार कंपनी ने पूरी गडबड़ी की है. यहां तक कि जिन इंजीनियरों को निलंबित किया गया उनका 95 प्रतिशत काम से कोई संबंध नहीं है. ऐसे में निलंबित करने से पूर्व उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था किंतु बिना किसी कारण बताओ नोटिस के सीधे निलंबित कर दिया गया.