Nagpur High Court
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    नागपुर. बच्चा मात्र 2 वर्ष का होने के बावजूद त्रिपुरा में चुनाव ड्यूटी पर लगाए जाने के खिलाफ सीआरपीएफ में बतौर इंस्पेक्टर कार्यरत आराधना अग्निहोत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर सोमवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश वृषाली जोशी ने सीआरपीएफ के डीजी, कमांडेंट महिला बटालियन तथा डिप्टी कमांडेंट को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की अधि. यश माहेश्वरी और सीआरपीएफ की अधि. विजय ब्रम्हे ने पैरवी की. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि वह सीआरपीएफ में उप निरीक्षक के रूप में कार्यरत थीं. 6 जनवरी 2023 को ही उन्हें इंस्पेक्टर (जनरल ड्यूटी) के रूप में पदोन्नति दी गई. इसी तरह से 12 दिनों के बाद 18 जनवरी को उनका सी-213 से जी-213 में तबादला कर दिया गया. जी-213 त्रिपुरा में है. 

    पहले ज्वाइनिंग की शर्त

    याचिकाकर्ता ने बताया कि 8 अप्रैल 2021 को उन्होंने बच्चे को जन्म दिया है. बच्चा काफी छोटा होने के कारण 19 जनवरी 2023 को विभाग को पत्र दिया था जिसमें जी-213 में दी गई पोस्टिंग इलेक्शन ड्यूटी होने तथा छोटे बच्चे के साथ फिलहाल त्रिपुरा में ड्यूटी करना संभव नहीं होने के कारण इसे रद्द करने का अनुरोध किया था. किंतु कमांडेंट की ओर से सर्वप्रथम वहां पर ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया. इसके बाद ही उनके अनुरोध पत्र पर विचार करने की जानकारी याचिकाकर्ता को दी गई. अदालत को बताया गया कि 21 माह के बच्चे के साथ ऐसी जगह पर चुनाव ड्यूटी करना संभव ही नहीं है.

    कड़ी कार्रवाई न करें

    दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने जहां नोटिस जारी कर 31 तक जवाब दायर करने के आदेश दिए, वहीं याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी भी तरीके की कड़ी कार्रवाई नहीं करने के आदेश भी दिए. साथ ही 19 जनवरी को याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए ज्ञापन पर निर्णय लेने के लिए प्रतिवादियों को स्वतंत्रता प्रदान की.