राज्य में हो रही कृत्रिम लोडशेडिंग, भाजपा ने कैंडल आंदोलन कर किया निषेध

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    नागपुर. पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आरोप लगाया कि राज्य में जो लोडशेडिंग शुरू है वह कृत्रिम है और ऊर्जा मंत्रालय निजी कंपनियों से बिजली खरीदी के माध्यम से भ्रष्टाचार का रास्ता बना रहा है. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में लगभग 9,000 मेगावाट बिजली निर्माण कर राज्य को लोडशेडिंग फ्री किया गया था लेकिन मविआ सरकार की घोर निष्क्रियता के चलते राज्य में अंधेरा छा गया है. बिजली संकट का दिखावा कर निजी कंपनी से खरीदी कर भ्रष्टाचार का मार्ग खोजने का प्रयास ऊर्जा मंत्रालय कर रहा है.

    भाजपा की ओर लोडशेडिंग के विरोध में संविधान चौक में कैंडल आंदोलन किया गया. वे इस अवसर पर बोल रहे थे. इस दौरान प्रवीण दटके, उपेंद्र कोठेकर, कृष्णा खोपडे, मोहन मते, जिलाध्यक्ष अरविंद गजभिये, दयाशंकर तिवारी, गिरीश व्यास, मिलिंद माने, संजय भेंडे, रमेश चोपडे, धर्मपाल मेश्राम, अर्चना डेहनकर, अश्विनी जिचकार, पारेन्द्र पटले, यश सातपुते, संकेत कुकडे, चंदन गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.  

    मेहनत पर फेरा पानी 

    बावनकुले ने कहा कि फडणवीस सरकार ने राज्य के 42 लाख किसानों को 28,000 करोड़ की बिजली दी. 2005 से 2017 के काल में कृषि पंप के लिए आवेदन करने वाले 7.50 लाख किसानों को नये कनेक्शन दिए. बिजली की दर तक नहीं बढ़ाई लेकिन इस मविआ सरकार ने फडणवीस की पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया. इस सरकार ने एक मेगावाट बिजली का भी निर्माण नहीं किया. उलऐ 25 प्रतिशत बिजली दर बढ़ाकर जनता को हलाकान कर दिया. तिकड़ी सरकार में आपसी विवाद के चलते महावितरण की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. यह जानबूझकर किया जा रहा है. केन्द्र सरकार ने महानिर्मिति को बार-बार 3 महीने कोयला स्टाक जमा करने को कहा था. रेलवे सेवा देने को तैयार थी लेकिन कोयला नहीं उठाया गया. 

    जमकर हुई नारेबाजी

    भाजपा कार्यकर्ताओं ने एम्बुलेंस में मरीज का डेमो कर नारेबाजी की. बिजली गुल हो जाने से अस्पतालों में मशीनों पर आधारित मरीजों की दशा क्या होती है, इसका प्रदर्शन संविधान चौक पर किया गया. ‘सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए गए. बावनकुले ने चेतावनी दी कि लोडशेडिंग बंद नहीं की तो ऊर्जा मंत्री के घर पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा. किसी मंत्री को शहर व गांव में घूमने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सरकार कि निष्क्रियता के चलते राज्य में 2,000 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले 7 यूनिट मेंटेनेंस के नाम पर बंद कर दिए गए हैं.