नई दिल्ली/नागपुर. आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने नागपुर के रेशमबाग (Reshambagh) में सालाना विजयादशमी कार्यक्रम को संबोधित किया।इस बार पर्वतारोही संतोष यादव कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं। आज के संबोधन में सरसंघचालक ने कहा, RSS के कार्यक्रमों में अतिथि के नाते समाज की महिलाओं की उपस्थिति की परम्परा पुरानी है। व्यक्ति निर्माण की शाखा का सिद्धांत पुरुष व महिला के लिए संघ और समिति अलग चलती है। बाकी सभी कार्यों में महिला पुरुष साथ में मिलकर ही काम करते हैं। स्त्री मातृशक्ति की बराबरी पुरुष कभी भी नहीं कर सकते।
आज भारत हो रहा आत्मनिर्भर
भागवत ने कहा, हमेंआत्मनिर्भर के पथ पर आगे बढ़ने के लिए उन मूलभूत सिद्धांतों और विचारों को समझना जरूरी है जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं। हमें महिलाओं को और भी सशक्त करना चाहिए। महिलाओं के बिना समाज प्रगति नहीं कर सकता। हमारी इज्जत और साख दुनिया में बढ़ी है। जिस तरह से हमने श्रीलंका की मदद की और यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान जो स्टैंड लिया, दिखाता है कि अब हमारी भी बात सुनी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि, यह जरुर है कि, देश में अराजकता फैलाने की कोशिशें हो रही हैं।
श्री विजयादशमी उत्सव I राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ,नागपुर महानगर I युगाब्द 5124 https://t.co/AsjNBSJgbm
— RSS (@RSSorg) October 5, 2022
गौरतलब है कि, रेशमबाग कार्यक्रम के पथ संचालन, स्वयंसेवकों के मार्च और दीक्षाभूमि स्मारक पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने अब शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। नागपुर शहर में इस दौरान 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। RSS के स्वयंसेवकों की दो विजयादशमी रैलियों के रास्तों पर कम से कम 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
RSS के लिए खास है दशहरा
पता हो कि RSSके लिए दशहरा साल का सबसे बड़ा दिन होता है। दरअसल साल 1925 में दशहरे के दिन ही केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। संघ अपना स्थापना दिवस तो नहीं मनाता। इसके बदले संघ दशहरा उत्सव जरुर से मनाता है। इस दिन संघ के नागपुर मुख्यालय समेत विभिन्न दफ्तरों में शस्त्र पूजा भी होती है। इसके अलावा शक्ति की पूजा-अर्चना भी होती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में आज पथ संचलन भी होते हैं।
हालाँकि कोरोना महामारी के चलते बीते 2 साल तक संघ ने दशहरा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया था। वहीं संघ के उत्सव में अलग-अलग क्षेत्रों के हमेशा से ही लोगों को बुलाने की पुरानी परंपरा रही है। जानकारी दे दें की पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी एक बार RSSके कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसकी खासी चर्चा रही थी।